इन 5 राज्यों में है मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की तैयारी, जानें कौन इस सूची में है शाम‍िल

इन 5 राज्यों में है मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की तैयारी, जानें कौन इस सूची में है शाम‍िल

जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की तैयारी में, लगातार जलवायु और तापमान में परिवर्तन देखने को मिल रहा है जो भविष्य में अकाल जैसी स्थिति भी पैदा कर सकती हैं

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इन 5 राज्यों में है मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की तैयारी, जानें कौन इस सूची में है शाम‍िल मोटे अनाजों की खेती के लिए इन राज्यों को मिलेगा बढावा, फोटो साभार: Freepik

जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की तैयारी में है. असल में इस वजह से दुन‍ियाभर में लगातार तापमान में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. ऐसे में भविष्य में अकाल जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है. इससे न‍िपटने के ल‍िए दुन‍ियाभर में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की रणनीत‍ियां बनने लगी है. ज‍िसमें भारत की भूम‍िका अहम है. एक तरफ भारत सरकार के प्रयासों से ही वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ऑफ म‍िलेट्स ईयर के तौर पर मनाया जाना है. तो वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार ने देश के 5 राज्यों में मोटे अनाज यानी म‍िलेट्स की खेती को बढ़ावा देने की रूपरेखा बनाई है. 

आईए जानते हैं क‍ि मोटे अनाज क्यों जरूरी हैं और केंद्र सरकार देश के क‍िन 5 राज्यों में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. 

प्रमुख मोटे अनाज और उनके महत्व

मोटे अनाजों पर जलवायु परिवर्तन का अधिक प्रभाव नहीं होता है साथ ही इनकी खेती असिंचित भूमि पर भी संभव है जहां सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं होती वहां भी इस तरह के अनाजों को आसानी से उगाया जा सकता है इसके साथ- साथ पशु पक्षियों के लिए भी दाने चारे की व्यवस्था हो जाती है साथ ही घरेलू ईंधन के लिए भी लोग इसका उपयोग करते हैं.

इन राज्यों में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा बढ़ावा

मोटे अनाजों की उपयोगिता और बाजार मांगों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भारत के 5 राज्यों में इसकी खेती को बढ़ावा देने की तैयारी में है, वो 5 राज्य  असम, ओडिशा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु हैं, जिन्होंने विशेष म‍िलेट मिशन की शुरुआत की है, ये मिशन भारत में मोटे अनाजों की पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

शुरू हुई इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स की तैयार‍ियां 

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने भविष्य में तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाजों का महत्व समझाने के लिए प्रस्ताव रखा था क‍ि इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स 2023 जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. जिस पर 70 देशों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. इस आयोजन की शुरुआत मंगलवार को रोम और इटली से हो चुकी है.

इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के फायदे

इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स 2023 जैसे आयोजनों से मोटे अनाजों की उपयोगिता और महत्व को बढ़ावा मिलेगा, मोटे अनाजों की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ेगा जिससे की इसकी खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आमदनी और आर्थिक स्थिति में भी काफी दम तक सुधार आएगा, मोटे अनाज अपने पोषक गुणों के कारण जाने जाते हैं इसके उपयोग से लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा.

 

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