Ram Mandir Pran Pratishtha: जान लें श्रीराम ज्योति जलाने का मुहूर्त क्या है, संध्या काल में कब करें पूजा

Ram Mandir Pran Pratishtha: जान लें श्रीराम ज्योति जलाने का मुहूर्त क्या है, संध्या काल में कब करें पूजा

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में भगवान राम की प्रतिमा की स्थापना के अवसर पर हम सबको अपने घर में संध्या काल को श्री राम की ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए. अगर इसके समय की बात करें तो देखिए सूर्यास्त के बाद का समय ज्योति प्रज्वलित करने के लिए बहुत अच्छा होगा.

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Ram Mandir Pran Pratishtha: जान लें श्रीराम ज्योति जलाने का मुहूर्त क्या है, संध्या काल में कब करें पूजाश्रीराम ज्योति जलाने का सही मुहूर्त क्या है?

उत्तर प्रदेश की पवित्र नगरी अयोध्या में आज 22 जनवरी 2024 को 12.29 मिनट पर राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई. समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय 121 आचार्यों के मार्गदर्शन में किया गया है. इसके साथ ही 500 साल का इंतजार खत्म हो गया. राम मंदिर के गर्भगृह में अनुष्ठान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख भूमिका निभाई. इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे. आपको बता दें प्राण प्रतिष्ठा का काम अब पूरा हो गया है. जिसके बाद अब आचार्य, पुजारी और सभी पंडित शाम की पूजा की तैयारी में जुट गए हैं. अगर आप भी अपने घरों में भगवान राम की पूजा आराधना कर रहे हैं तो ये काम करना ना भूलें. 

श्री राम ज्योति जलाने का मुहूर्त क्या है? 

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में भगवान राम की प्रतिमा की स्थापना के अवसर पर हम सबको अपने घर में संध्या काल को श्री राम की ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए. अगर इसके समय की बात करें तो देखिए सूर्यास्त के बाद का समय ज्योति प्रज्वलित करने के लिए बहुत अच्छा होगा. लगभग शाम को 5:52 या 5:55 के आसपास आप ये ज्योति प्रज्वलित कर सकते हैं. सूर्यास्त के बाद एक घी का अखंड दीपक जरूर जलाएं. भगवान राम का स्मरण करके आज दीपक संध्याकाल में जलाया जाएगा. 

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कैसे जलाएं श्री राम ज्योति दीप? 

अपने घर के ईशान पूर्ण में यानी पूर्व उत्तर के कोने में एक चौक बनाए या एक रंगोली बनाए. उसके ऊपर गेहूं या चावल की छोटी सी ढेरी रखें और उसके ऊपर एक दीपक जलाएंगे. जिस दीपक का मुख पूर्व दिशा की तरफ या भगवान राम के चित्र की ओर रखें. ध्यान रखें कि ये दीपक संध्या काल में जलाएं. अगर ये दीपक पूरी रात भर जलता रहे, अखंड दीप रहे तो इससे बहुत कल्याण और बहुत मंगल होगा. दीपक जल जाने के बाद आप भगवान राम की स्तुति करें. तुलसीदास जी ने विनय पत्रिका में जो भगवान राम की स्तुति की है श्री राम चंद्र कृपालु भजमन यही स्तुति करें या राम का नाम भी एक मंत्र है. राम नाम का जप करें. उसके बाद भगवान राम की आरती करें. समस्त परिवार में प्रसाद का वितरण करें और भगवान राम से कृपा की याचना करें. कृपा की प्रार्थना करें. याद रखें आज संध्या काल में राम ज्योति जला के प्रार्थना करने से इस शुभ अवसर पर आपके तमाम काम बन जाएंगे.

सोने का मुकुट पहने विराजमान राम लला

जिसके बाद रामलला की तस्वीर सामने आई है. जिसमें रामलला के सिर पर सोने का मुकुट और गले में हीरे-मोतियों का हार है. इसके अलावा कानों में कुंडल सजे हुए हैं. उनके हाथ में सुनहरा धनुष-बाण है. रामलला पीली धोती पहने नजर आ रहे हैं. इस मूर्ति का निर्माण कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया है जो शालिग्राम चट्टान से बनी है. 

कब रखी गई थी राम मंदिर की आधारशिला?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी. इसके साथ ही करोड़ों हिंदुओं की आस्था की प्रतीक अयोध्या नगरी में त्योहारों की शुरुआत हो गई. (शैलेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)

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