दाल-चावल से लेकर तेल के दामों में भारी इजाफा, तेजी से बिगड़ रहा किचन का बजट

दाल-चावल से लेकर तेल के दामों में भारी इजाफा, तेजी से बिगड़ रहा किचन का बजट

खबर भोपाल से है. दाल, चावल से लेकर चीनी और तेलों की महंगाई से यहां के लोग परेशान हैं. जीरे का भाव भी आसमान छू रहा है. कभी 180 रुपये बिकने वाला जीरा 800 रुपये तक पहुंच गया है. लोगों की मांग है कि सरकार इस महंगाई पर ध्यान दे और दामों में कमी लाने की कोशिश करे.

Advertisement
दाल-चावल से लेकर तेल के दामों में भारी इजाफा, तेजी से बिगड़ रहा किचन का बजटदाल के साथ चावल और जीरे के दाम में भारी उछाल देखा जा रहा है

टमाटर की कीमतों से लोग पहले से ही परेशान थे. लेकिन जब लोग सब्जी नहीं खाएंगे तो कम से कम दाल-चावल तो चाहिए. मगर स्थिति ये है कि दाल-चावल की महंगाई ने भी लोगों का बजट बिगाड़ दिया है. दाल की कीमतें भी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शतक मार चुकी हैं. अरहर की दाल हो या उड़द की दाल या फिर कोई और दाल, सभी की कीमतें थोक में भी काफी तेज बनी हुई हैं. यही वजह है कि लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है. इसी में टमाटर ने भी लोगों को महंगाई से परेशान कर रखा है. पुराने भोपाल के थोक बाजार में सभी दालों के रेट अभी आसमान छू रहे हैं. इससे केवल आम आदमी ही परेशान नहीं बल्कि व्यापारी भी नाखुश हैं.

पुराने भोपाल के होलसेल मार्केट के व्यापारी अनुराग माथुर दालों की महंगाई के बारे में बता रहे हैं. अनुराग माथुर 'आजतक' से कहते हैं, तुअर दाल की बहुत कमी है जिससे पिछले तीन महीने में इसकी कीमतें 50 रुपये तक बढ़ चुकी हैं. बात केवल तुअर दाल की महंगाई की नहीं है. जीरे के भाव में भी बहुत उछाल है. जीरा कभी 180 रुपये किलो हुआ करता था जो अभी 800 रुपये किलो तक पहुंच गया है. माथुर के मुताबिक, जीरा एक महीने में 200 रुपये से बढ़कर 800 रुपये किलो पर पहुंच गया है.

दालों के दाम में भारी तेजी

तुअर दाल के अलावा उड़द दाल में भी बडी तेजी है. उड़द पहले 70-80 रुपये हुआ करती थी, वह बढ़कर 110 रुपये किलो पर पहुंच गई है. व्यापारियों का कहना है कि अरहर और उड़द दाल की आगे से बहुत शॉर्टेज है जिस वजह से दाम में भारी उछाल है. ये दालें महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में आती हैं, लेकिन वहीं से दालों की कमी है जिससे दाम में तेज उछाल है. भोपाल में दाल महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के ही पिपरिया से आती है.

ये भी पढ़ें: Garlic Price: टमाटर के बाद लहसुन भी थाली से दूर? फुटकर में 150 रुपये तक पहुंचा भाव

जब थोक में ही दालों के दाम इतने बढ़े हुए हैं तो खुदरा में क्या हालत होगी. इस बारे में व्यापारी अनुराग माथुर कहते हैं, दालों की महंगाई बढ़ने से बिक्री भी गिर गई है. हालत ये हो गई है कि जो आदमी पहले एक किलो दाल लेकर जाता था, आज वह ढाई सौ ग्राम दाल लेकर जाता है. माथुर कहते हैं कि दालों की महंगाई अभी कम होने वाली नहीं है और लोगों को यूं ही अधिक रेट पर दालें खरीदनी होंगी.

क्या कहते हैं थोक व्यापारी

जब थोक में दालों कीमतें इतनी पहुंची हैं, तो खुदरा में क्या हालत होगी, ये समझना आसान है. अभी दाल की कीमतें खुदरा में 150 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. पुराने भोपाल के मार्केट में एक खरीदार कहते हैं, टमाटर लेने निकले थे तो सोचा कि दाल भी ले लेते हैं. लेकिन दाल का भाव जो पहले 80 रुपये था, अभी बढ़कर 110 रुपये तक पहुंच गया है. महंगाई बढ़ने से असर ये हुआ कि पांच किलो दाल के बदले चार किलो ही खरीदा है. खरीदार कहते हैं कि जब टमाटर के रेट इतनी ऊंचाई पर जा रहे हैं तो दाल से ही गुजारा करना पड़ेगा क्योंकि एक किलो दाल से अधिक काम चलाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: Tur dal price: 200 रुपये किलो के भाव में क्या गल पाएगी आपकी दाल?

महंगाई से आमजन परेशान

खरीदार कहते हैं कि सरकार को दाल के रेट कम करने चाहिए क्योंकि इससे परेशानी हो रही है. बाजार पहुंचे एक और खरीदार कहते हैं कि तुअर का भाव 140 रुपये तक पहुंच गया है. चीनी के साथ तेलों के भाव में भी तेजी है. इससे पूरे किचन का बजट बिगड़ गया है. खरीदार ने कहा कि सरकार को यह महंगाई कम करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिले. खरीदार कहते हैं कि इस महंगाई की वजह से हर परिवार का खर्च हर महीने दो से तीन हजार अधिक हो गया है.

POST A COMMENT