Haryana: महेंद्रगढ़ के 16,900 किसानों को नहीं मिला फसल बीमा योजना लाभ, कई महीनों से कर रहे इंतजार

Haryana: महेंद्रगढ़ के 16,900 किसानों को नहीं मिला फसल बीमा योजना लाभ, कई महीनों से कर रहे इंतजार

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY): प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कवर होने के बावजूद, महेंद्रगढ़ के 16,900 से अधिक किसान पिछले कई महीनों से अपनी फसल के नुकसान के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.

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Haryana: महेंद्रगढ़ के 16,900 किसानों को नहीं मिला फसल बीमा योजना लाभ, कई महीनों से कर रहे इंतजारमहेंद्रगढ़ के 16,900 किसानों को नहीं मिला बीमा योजना लाभ, सांकेतिक तस्वीर

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY): प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कवर होने के बावजूद, 16,900 से अधिक किसान पिछले कई महीनों से अपनी फसल के नुकसान के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. वे इस मुद्दे को उठाने के लिए दर-दर भटकते रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्थानीय कार्यालय ने भी बीमा कंपनी को मुआवजा बांटने को कहा है, लेकिन स्थिति जस की तस है. दरअसल, सितंबर 2022 में जिले में हुई लगातार बारिश के कारण बाजरा और कपास की खरीफ फसलों को नुकसान हुआ था. महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल, सतनाली और कनीना ब्लॉक प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.

ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसान कृष्ण ने बताया, “सितंबर के आखिरी सप्ताह में बारिश के कारण मेरी ख़रीफ़ फ़सल को भारी नुकसान हुआ था. नुकसान का आकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा सर्वे भी किया गया, लेकिन मुआवजा वितरित नहीं किया गया है. हम मुआवजे के बारे में लेटेस्ट अपडेट जानने के लिए कृषि विभाग के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं.”

बीमा कवर होने के बावजूद नहीं मिला पीएमएफबीवाई का लाभ 

किसान ने बताया, पीएमएफबीवाई के तहत बीमा कवर होने के बावजूद अन्य किसानों को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को बीमा कंपनी पर जल्द से जल्द मुआवजा देने का दबाव बनाना चाहिए. इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए डिप्टी कमिश्नर मोनिका गुप्ता ने हाल ही में बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक किया है. उन्होंने कहा कि कंपनी को तीन जुलाई तक मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है, नहीं देने पर वह कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखेंगी.

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दरअसल, डिप्टी कमिश्नर, मोनिका गुप्ता ने कहा, “यह एक गंभीर मुद्दा है कि कृषि विभाग द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी बीमा कंपनी ने किसानों के बीच फसल नुकसान का मुआवजा नहीं बांटा है. यदि कंपनी निर्धारित समय के भीतर मुआवजा देने में विफल रहती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'' वहीं डिप्टी डायरेक्टर (एग्री) बलवंत सहारण ने कहा कि जिले में किसी भी किसान को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 

साल 2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आज विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है. हर साल देश के करोड़ों किसान फसल बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं. इस योजना में कम से कम प्रीमियम पर अधिक से अधिक लाभ का क्लेम किया जाता है. इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है और कोई भी किसान अपनी फसल का बीमा करा सकता है. वहीं, बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इस योजना का लाभ मिलता है.

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