मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में वोटिंग के बाद अब बारी है राजस्थान की. जहां 25 नवंबर को मतदान होना है. इससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार प्रसार का जिम्मा खुद संभाल रखा है. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी राजस्थान में धुंआधार प्रचार कर रहे है. और अब बारी है राजस्थान की राजधानी जयपुर की जिसे सूबे की सियासत का केंद्र बिंदु कहते हैं. यहां जो बाजी मार गया, वही सत्ता की सीढ़ियां चढ़ता है. ऐसे में 21 नवंबर यानि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जयपुर में रोड शो करने जा रहे है. इस रोड शो के जरिए 4 अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों को कवर करने का रोड मैप तैयार किया गया है. लेकिन इसका सीधा असर जयपुर शहर की 8 विधानसभा सीटों पर पड़ेगा.
जयपुर में कल होने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के रोड शो की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. सबसे पहले प्रधानमंत्री छोटी काशी के प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन करेंगे और सीधे आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर की चौखट पर माथा टेकेंगे.
इसके बाद शाम 7 बजे पुराने जयपुर के हवामहल यानी परकोटे के सामने से रोड शो शुरू होगा, जो बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, किशनपोल बाजार, छोटी चौपड़ होते हुए चांदपोल हनुमान मंदिर पर खत्म होगा. रात 9 बजे. 5 किलोमीटर के इस रास्ते में पीएम मोदी ध्वजाधीश मंदिर, रामचंद्रजी मंदिर और हनुमान मंदिर के दर्शन करेंगे. अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के धार्मिक स्थलों से शुरू होने वाले इस रोड शो के जरिए भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही है.
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मिशन राजस्थान में जुटे पीएम मोदी की नजर अब बीजेपी के गढ़ जयपुर शहर पर है, जहां पिछले 2018 चुनाव में कांग्रेस ने सेंध लगाते हुए 8 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसमें हवामहल, किशनपोल, आदर्शनगर, सिविल लाइंस और झोटवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस ने जीत हासिल की. तो वहीं बीजेपी ने सांगानेर, मालवीय नगर और विद्याधर नगर सीटों पर अपना गढ़ बचा लिया. ऐसे में कल होने वाले पीएम मोदी के रोड शो का असर मुख्य रूप से हवामहल, किशनपोल और आदर्शनगर विधानसभा सीटों पर देखने को मिलेगा, जो अल्पसंख्यक बहुल सीटें हैं.
हवामहल विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस सीट पर करीब 2 लाख 54 हजार मतदाता हैं, जिनमें से 1 लाख 7 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं, लेकिन फिर भी यहां से हमेशा ब्राह्मण उम्मीदवार ही जीतता है. इस सीट पर लगातार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है, लेकिन पिछली बार कांग्रेस विधायक महेश जोशी ने जीत हासिल की थी, जो खुद ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. अब 2023 के चुनाव में बीजेपी ने हाथोज धाम के महंत बालमुकुंद आचार्य को मैदान में उतारा है, जो मंदिरों में तोड़फोड़ और पलायन जैसे मुद्दों पर कांग्रेस को घेरते नजर आए. उनके सामने कांग्रेस ने मंत्री महेश जोशी का टिकट काट दिया. आर तिवारी को मैदान में उतारा गया है जो ब्राह्मण समुदाय से आते हैं.
वहीं प्रदेश की सबसे कम मतदाता वाली किशनपोल विधानसभा सीट पर भी बीजेपी का कब्जा रहा है, लेकिन पिछले चुनाव में यहां भी कांग्रेस ने सेंध लगा दी. इस सीट पर मुस्लिम वोटर के साथ-साथ वैश्य वोटर भी बड़ी संख्या में है. यहां कांग्रेस ने अपने विधायक अमीन कागजी को ही रिपीट करते हुए प्रत्याशी बनाया है. लेकिन भाजपा ने यहां नए चेहरे चंद्रमोहन बटवाड़ा को उम्मीदवार पर दाव खेला है. ठीक इसी तरह आदर्शनगर विधानसभा सीट जो मुस्लिम बाहुल्य के साथ वैश्य वोटर के लिए जानी जाती है. इसी सीट पर भी कांग्रेस ने विधायक रफीक खान को प्रत्याशी बनाया है.
तो वही भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वसुंधरा के खास अशोक परनामी का टिकट काट रवि नैय्यर को उतारा है. जो है तो नए खिलाड़ी लेकिन गौ माता और हिंदुत्व के मुद्दे पर हमेशा मैदान में नजर आते है. इन तीनों सीटों के साथ साथ शहर की 8 सीटों पर भी मोदी के रोड शो से भाजपा सियासी फिजा में परिवर्तन देख रही है. हालांकि प्रदेश में कुल 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता है इसमें से 62 लाख से अधिक मुस्लिम वोटर्स है, लेकिन भाजपा ने इस बार एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया बल्कि मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर साधु-संतो को उतारा है. (जयपुर से विशाल शर्मा की रिपोर्ट)
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