Plastic Banned: र‍िर्जव फॉरेस्ट में प्लास्टिक के सामान की नो एंट्री, जानें क्यों ल‍िया गया फैसला

Plastic Banned: र‍िर्जव फॉरेस्ट में प्लास्टिक के सामान की नो एंट्री, जानें क्यों ल‍िया गया फैसला

प्लास्टिक कचरा दिन प्रतिदिन पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने शहरों में घर से निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक की मात्रा होती है. इसलिए अब प्लास्टिक के कचरे को भी जंगल से लेकर प्राणी उद्यान में ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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Plastic Banned: र‍िर्जव फॉरेस्ट में प्लास्टिक के सामान की नो एंट्री, जानें क्यों ल‍िया गया फैसला जंगल में प्लास्टिक ले जाने पर लगा प्रतिबंध

प्लास्टिक कचरा दिन-प्रतिदिन पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है. स‍िंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने शहरों में घर से निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक की मात्रा होती है. इसलिए अब प्लास्टिक के कचरे को भी जंगल से लेकर प्राणी उद्यान में ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्लास्टिक कचरे से वन्य जीवों पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के सभी वन्य जीव अभ्यारण के साथ-साथ दुधवा टाइगर रिजर्व, कतरनिया घाट, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में भी प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर कोई पर्यटक यहां पर प्लास्टिक के सामान के साथ पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना भी वसूला जाएगा.

प्लास्टिक से दूषित हो रहा है पर्यावरण

प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग के कारण जंगल में वातावरण प्रदूषित हो रहा है,जो वन्य जीवन के खतरा भी है. जंगल में पर्यटकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे प्लास्टिक से लगातार कचरा बढ़ रहा है. इस कचरे को अगर जानवर खा लेते हैं तो उनको नुकसान होता है. वहीं दूसरी तरफ जलस्रोत भी प्रदूषित हो रहे हैं. अपर प्रधान मुख्य वन रक्षक पीपी सिंह ने दुधवा टाइगर रिजर्व के साथ ही प्रदेश के सभी प्राणी उद्यान में प्लास्टिक और प्लास्टिक की बोतलों ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अगर विशेष परिस्थिति में कोई व्यक्ति पानी या प्लास्टिक के सामान ले जाना चाहता है तो उसकी जानकारी प्रबंधन को देनी होगी, जिसके बाद अधिकारी बोतल व सामान पर स्टीकर चिपका आएंगे और प्रति बोतल या सामान पर 50 रुपये की जमानत राशि वसूलेंगे. सम्मान लौटाने पर यह जमानत राशि वापस मिल जाएगी.

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इन प्राणी उद्यानों में प्रतिबंधित हुआ प्लास्टिक (Plastic banned)

अपर मुख्य संरक्षक प्रचार प्रसार पीपी सिंह ने उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व कतर्नियाघाट, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व , रानीपुर रिजर्व, बलरामपुर के सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग, वाराणसी के काशी वन्य जीव प्रभाग, कैमूर वन्यजीव प्रभाग, राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट आगरा, लखनऊ चिड़ियाघर, कानपुर प्राणी उद्यान, गोरखपुर प्राणी उद्यान, लायन सफारी इटावा में भी प्लास्टिक को पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पर्यटक जंगल में इधर-उधर प्लास्टिक की बोतल फेंक देते हैं. वही इन बोतलों को ढूंढना संभव नहीं है. प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी भी सबकी है. अगर कोई व्यक्ति प्लास्टिक की बोतल में पानी ले जाना चाहता है तो इसके लिए 50 रुपये की जमानत राशि देनी होगी. वही वापसी में बोतल देने पर उसे रुपए वापस कर दिए जाएंगे.

 

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