मोटे अनाजों की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय, आगरा में शुरू हुआ दो दिवसीय मिलेट्स मेला

मोटे अनाजों की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय, आगरा में शुरू हुआ दो दिवसीय मिलेट्स मेला

आगरा में दो दिवसीय मिलेट्स मेले की शुरुआत हो गई है. इस मेले में मोटे अनाज के उत्पादन से लेकर खाद्य प्रसंस्करण और होटल इंडस्ट्री के लोग भी सम्मिलित हुए हैं. इस मेले का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने किया. उन्होंने किसानों से मोटा अनाज उगाने और लोगों से इसका उपयोग करने को कहा.

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मोटे अनाजों की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय, आगरा में शुरू हुआ दो दिवसीय मिलेट्स मेला

मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट में श्रीअन्न के नाम से संबोधित किया है. मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. मोटे अनाज से बने हुए खाद्य पदार्थ के खाने को लेकर जागरूकता मिलेट्स मेलों के जरिए अलग-अलग शहरों में फैलाई जा रही है. आगरा में भी दो दिवसीय मिलेट्स मेले की शुरुआत हुई है. इस मेले में मोटे अनाज के उत्पादन से लेकर खाद्य प्रसंस्करण और होटल इंडस्ट्री के लोग भी सम्मिलित हुए हैं. इस मेले का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने किया. उन्होंने किसानों से मोटे अनाजों को उगाने और लोगों से इसका उपयोग करने को कहा. एसोचैम की ओर से आयोजित आगरा मिलेट्स मेले में देशभर से 350 से अधिक उद्यमियों ने शिरकत की है. इस मेले में बाजरा, ज्वार ,रागी, मडुआ कोदो से बने हुए पकवान और खाद्य पदार्थ के बारे में भी जानकारी दी गई. 

कुपोषण दूर करने के लिए मोटे अनाज का सेवन जरूरी

मोटे अनाजों के सेवन से डायबिटीज और हृदय रोग संबंधी कई बीमारियों को दूर भगाने में या लाभकारी है. वहीं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मिनहाज आलम ने बताया कि देश के 30 शहरों में मोटे अनाज को प्रोत्साहित किया जा रहा है. कुपोषण मुक्त भारत के विजन को साकार करने का सबसे बढ़िया माध्यम है. मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए लगातार मोटे अनाज के सेवन से शरीर को कई फायदेमंद पोषक तत्व मिलते हैं जो हमें बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

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पोषक तत्व से भरपूर है मोटा अनाज

मोटा अनाज में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो गेहूं और चावल में नहीं होते हैं. वही इसके उत्पादन में कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता है. इसकी खेती पर्यावरण, जल संरक्षण और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर मानी गई है. पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते किसानों को मोटे अनाज की उपज की अच्छी कीमत भी मिल रही है जिससे उनकी आय में इजाफा हो रहा है.

 


पहली बार एमएसपी पर खरीदा गया बाजरा

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 2022-23 वित्तीय वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद हुई.  ₹2350 प्रति क्विंटल रुपए पर किसानों से बाजरा खरीदा गया. मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार बाजरे की खरीद का कार्यक्रम शुरू किया है. वहीं पिछले साल की अपेक्षा बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य में ₹100 का इजाफा भी हुआ है.

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