Bhopal: अब आम पर मौसम की मार... 50 फीसदी फसल खराब

Bhopal: अब आम पर मौसम की मार... 50 फीसदी फसल खराब

भोपाल में 450 हेक्टेयर जगह में आम की पैदावार होती है और एक हेक्टेयर में करीब 80 क्विंटल आम होता है. इस तरह से भोपाल में 36 हजार क्विंटल आम होना चाहिए. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भोपाल में महज 18 हजार क्विंटल आम ही पैदा होगा, इसका अनुमान लगाया जा रहा है.

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Bhopal: अब आम पर मौसम की मार... 50 फीसदी फसल खराबदेश के कई राज्यों में गिरा आम उत्पादन का आंकड़ा, Photo Credit: Kisan Tak

फलों का राजा कहलाने वाला आम जो अपनी मिठास के लिए जाना जाता है वो आम इस बार मौसम की मार को झेल रहा है. लगातार बदलते मौसम की वजह से इस बार आन एअर होने के बावजूद भी आम की फसल अपने अनुमान से 50% कम होने की संभावना है. जहां दिसंबर में ठंड के समय में तापमान अधिक हो गया था जिसकी वजह से आम का फूल जिसे बोर कहते हैं वह समय से पहले ही आना शुरू हो गया था. वही जनवरी के महीने में फिर ठंड में तेजी आई और फिर तापमान बढ़ा जिसके बाद बोर आया. इस दौरान आंधी और तेज हवा की वजह से भी भारी मात्रा में बोर पेड़ से गिर गए.

जब आम का पेड़ 25 से 30 साल पुराना हो जाता है तो उसके अंदर प्राकृतिक रूप से अल्टरनेट फलन देखने को मिलता है. जिसके फलस्वरूप आम की फसल एक साल बहुत अच्छी होती है जिसको ऑन एअर कहते हैं. जबकि दूसरे साल की फसल पहले साल के अपेक्षाकृत कम होती है जिसे ऑफ एयर कहते हैं. इस साल आम की फसल का ऑन एयर का साल है इसके बावजूद भी आम की फसल कम आने का अंदाजा है.

भोपाल में इस साल घटा आम का उत्पादन

भोपाल में 450 हेक्टेयर जगह में आम की पैदावार होती है और एक हेक्टेयर में करीब 80 क्विंटल आम होता है. इस तरह से भोपाल में 36 हजार क्विंटल आम होना चाहिए. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भोपाल में महज 18 हजार क्विंटल आम ही पैदा होगा इसका अनुमान लगाया जा रहा है.

हर साल इन दिनों भोपाल में आम आना शुरू हो जाता था लेकिन, मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से भोपाल में अभी आम नहीं आ रहा है. अनुमान है कि 15 मई के बाद से भोपाल का आम बाजारों उपलब्ध होगा. आम के शौकीनों को अभी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात से आ रहे आम के ऊपर निर्भर होना पड़ रहा है. लंगड़ा,दशहरी, अम्रपाली, मल्लिका और बॉम्बे ग्रीन भोपाल में आम की प्रमुख फसल है. भोपाल के आम की खास बात यह है कि भोपाल का आम छत्तीसगढ़ राजस्थान के अलावा अरब देशों में भी जाता है.

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2020-23 तक के आम उत्पादन का आंकड़ा

अगर हम वर्ष बार आम फसल उत्पादन की बात करें तो वर्ष 2020 में 70 परसेंट आम की फसल का उत्पादन हुआ था जो कि 25000 क्विंटल था. वहीं 2021 में 2020 से 5% की वृद्धि देखने को मिली जब आम का 75% उत्पादन हुआ जो कि 27000 क्विंटल था. इसके बाद एक बार फिर 2022 में 5% आम की वृद्धि देखने को मिली जो कि 80 परसेंट होकर 27000 क्विंटल था. लेकिन वर्ष 2023 में इस साल फिर 50% आम की फसल पैदा होने की संभावना है जो कि 18000 क्विंटल के आसपास होगा.

इस साल पिछली बार की अपेक्षा में कम आया है आम- किसान 

भोपाल के किसान विशाल मीणा जो अपनी उन्नत और ऑर्गेनिक खेती करने के लिए कई बार पुरस्कृत किये जा चुके हैं. उन्होंने किसान तक को बताया कि उनके खेत में आम के 25 पेड़ हैं इस बार आम पिछली बार की अपेक्षा काफी कम आया है. वही तेज हवा की वजह से आए दिन केरिया(कच्चा आम) गिर रहा है. अकेले आज सोमवार के दिन तेज हवा चलने की वजह से 25 किलो केरिया आम के पेड़ से गिरी हैं.

भोपाल के बड़े फल व्यापारी सैयद साजिद अली ने किसान तक को बताया कि पिछले साल इन दोनों भोपाल का आम मंडी में आ जाता था. लेकिन इस बार भोपाल का आम अभी तक मंडी में नहीं आया है. जिसके चलते भोपाल में आंध्र प्रदेश से आम आ रहा है वहीं भोपाल और उसके आसपास सप्लाई हो रहा है.

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया अल्टरनेट फलन का कान्सैप्ट

उद्यानिकी विभाग भोपाल के सहायक संचालक बीएस कुशवाहा ने किसान तक को बताया कि जो आम के पेड़ 25 से 30 साल पुराने हो जाते हैं उन में प्राकृतिक रूप से अल्टरनेट फलन होता है. एक साल अच्छा फल आता है जिसको ऑन एअर बोलते हैं वही दूसरे साल 50% से भी कम फल आता है उसको ऑफ एयर बोलते. वही आम का फलन काफी सेंसिटिव होता है. मौसम में बदलाव होने के कारण या तेज हवा बारिश में भी गिर जाता है. जिसकी वजह से आम के पेड़ में फलन कम होता है.


 
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