मध्य प्रदेश नौकरी 'घोटाला': एक ही सरनेम वाले 23 लोगों को कोटा से मिली नौकरी, एक ही जिले से हैं ज्यादातर कैंडिडेट

मध्य प्रदेश नौकरी 'घोटाला': एक ही सरनेम वाले 23 लोगों को कोटा से मिली नौकरी, एक ही जिले से हैं ज्यादातर कैंडिडेट

मध्य में पटवारी परीक्षा का मामला विवादों में घिर गया है. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पटवारी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है जिसकी जांच की जानी चाहिए. इस बीच 'इंडिया टुडे' की पड़ताल में कुछ नई जानकारी सामने आई है, पढ़िए विस्तार से...

Advertisement
मध्य प्रदेश नौकरी 'घोटाला': एक ही सरनेम वाले 23 लोगों को कोटा से मिली नौकरी, एक ही जिले से हैं ज्यादातर कैंडिडेटमध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा (सांकेतिक तस्वीर)

मध्य प्रदेश में 'पटवारी' (राजस्व विभाग कर्मचारी) भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लग रहे हैं. इस बीच 'इंडिया टुडे' की पड़ताल में एक और अनोखी जानकारी सामने आई है. पड़ताल में पता चला है कि एक ही उपनाम (सरनेम) वाले 23 लोग ऐसे हैं जिन्होंने मेरिट सूची में जगह बनाई है और ये सभी कोटा के माध्यम से चुने गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि 23 लोगों में से अधिकांश एक ही जिले से हैं. 

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पटवारी परीक्षा 26 अप्रैल को आयोजित की गई थी. इसके रिजल्ट जून में घोषित किए गए थे. परीक्षा में लगभग 9.8 लाख उम्मीदवार शामिल हुए और 9,000 उम्मीदवारों की मेरिट सूची जारी की गई. सफल उम्मीदवारों की सूची की जांच करते हुए, इंडिया टुडे ने पाया कि 'त्यागी' उपनाम वाले 23 लोगों ने मेरिट सूची में जगह बनाई है और ये सभी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और विकलांग व्यक्तियों (PWD) कोटा के माध्यम से हैं. 

ये भी पढ़ें: पटवारी भर्ती परीक्षा: क्राइम ब्रांच को पहले ही मिल गई थी खुफिया जानकारी, फिर कार्रवाई में क्यों हुई देरी!

23 में से 15 उम्मीदवारों ने विकलांग व्यक्ति (PWD) कोटा के तहत क्वालिफाई किया और उनमें से 12 श्रवणबाधित (हियरिंग डिसेबलिटी) थे. यह पाया गया कि जिन 15 उम्मीदवारों को पीडब्ल्यूडी श्रेणी के तहत चुना गया था, उनमें से 13 मुरैना जिले के थे. अन्य दो के पते की पुष्टि नहीं हो सकी. संयुक्त भर्ती परीक्षा 2022 के तहत समूह-2 (उप समूह -4) सहायक संपर्क, पटवारी और अन्य पदों के 8,900 से अधिक पदों के लिए एमपी पटवारी परीक्षा आयोजित की गई थी. 

पटवारी भर्ती घोटाला!

मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा 10 जुलाई को परीक्षा के टॉपर्स की सूची जारी होने के बाद विवादों में घिर गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टॉप 10 उम्मीदवारों में से सात ने भिंड से भारतीय जनता पार्टी विधायक संजीव कुमार कुशवाह के स्वामित्व वाले ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में परीक्षा दी. कांग्रेस, जो मध्य प्रदेश में विपक्ष में है, ने आरोप लगाया कि अंग्रेजी में पूरे मार्क्स पाने वाले कुछ चयनित उम्मीदवारों ने अपने आवेदन पत्र पर हिंदी में हस्ताक्षर किए थे. 

ये भी पढ़ें: MP Patwari Exam: छात्रा के घूस देने की बात स्वीकार करने के वायरल वीडियो पर तेज हुई सियासी खींचतान

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि टॉपर्स की सूची में जगह बनाने वाले छात्रों ने 15 लाख रुपये की रिश्वत दी. कांग्रेस ने अब सवाल उठाया है कि यह कैसे संभव है कि अधिकांश हियरिंग डिसेबल उम्मीदवार मुरैना के त्यागी रहे. मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, “यह केवल मध्य प्रदेश में ही संभव है और दुनिया में कहीं नहीं. "सुनने में अक्षम लोगों का चयन किया गया है और ये वहीं लोग हैं जो फॉरेस्ट गार्ड के पदों के लिए पूरी तरह से फिट पाए गए हैं."(हेमेंद्र शर्मा, पुनीत कपूर और हेमंत शर्मा की रिपोर्ट)

POST A COMMENT