जैसलमेर में फिर शुरू हुआ टिड्डियों का प्रकोप, सर्वे के लिए 10 सेंटरों से भेजी गई टीम  

जैसलमेर में फिर शुरू हुआ टिड्डियों का प्रकोप, सर्वे के लिए 10 सेंटरों से भेजी गई टीम  

जैसलमेर आसपास और रेगिस्तान में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर टिड्डियों प्रकोप देखा जा रहा हैं. टिड्डी नियंत्रण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ विरेंद्र कुमार ने बताया कि इन टिड्डियों के नियंत्रण के लिए टीम अपना काम कर रही हैं. इसके लिए अलग-अलग सेंटरों की टीम सर्वे के लिए भेजी गई है.

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जैसलमेर में फिर शुरू हुआ टिड्डियों का प्रकोप, सर्वे के लिए 10 सेंटरों से भेजी गई टीम  एक बार फिर बढ़ा टिड्डियों का अटैक

जैसलमेर सहित रेगिस्तान के कई इलाको में लोकल ब्रीडिंग में पैदा हुई भारी मात्रा में टिड्डियों के हॉपर (टिड्डियों के बच्चे) से एक बार फिर किसानों की फसलों को लेकर खतरा पैदा हो गया है. हालांकि इस बार टिड्डियां पाकिस्तान से नहीं आई हैं, लेकिन स्थानीय तौर पर पैदा हुई हैं. इन टिड्डियों के हॉपर ने जैसलमेर के नहरी क्षेत्र में किसानों की फसलों पर अटैक करना शुरू कर दिया है. इसकी जानकारी मिलने पर टिड्डी नियंत्रण विभाग ने इन टिड्डियों को रोकने की कार्यवाही शुरू कर दी है. 

टिड्डी नियंत्रण विभाग की चार टीमें जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के आसपास टिड्डियों को नियंत्रण करने में लगी हुई हैं. इसके अलावा लोकेस्ट कंट्रोल विभाग द्वारा टिड्डी के सर्वे के लिए 10 सेंटरों पर सर्वे दल भेजे गए हैं. खासतौर पर जैसलमेर में दो अतिरिक्त सर्वे दल टिड्डियों के संबंध में सर्वे कर रहे हैं. 

सर्वे के लिए भेजी गई टीम 

इसकी पुष्टि करते हुए टिड्डी नियंत्रण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ विरेंद्र कुमार ने बताया कि जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में सुथार वाली मंडी क्षेत्र में 12 पीडी और आसपास के अन्य इलाकों में स्थानीय ब्रिडिंग के रूप में निकले बड़ी संख्या में हॉपर खेतों में देखे गए हैं. इसकी जानकरी मिलने पर इन्हें नष्ट करने और नियंत्रण करने के लिए मेलोथियन के साथ चार टीमें प्रभावित इलाकों में भेज दी गई हैं. कुमार ने आगे बताया कि अभी तक करीब 120 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण कर दिया गया है और बाकी क्षेत्रों में सर्वे किया जा रहा है. जहां-जहां टिड्डियों के संबंध में सूचना मिलती है, वहां पर नियंत्रण के लिए टीमें भेजी जा रही हैं.

डिप्टी डायरेक्टर डॉ विरेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार खासकर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर इलाके में पिछले दिनों में जबरदस्त बारिश हुई थी. इसके कारण जैसलमेर में जो नमी का वातावरण पैदा हुआ है, उसमें स्थानीय तौर पर टिड्डियों की ब्रिडिंग हुई है. उसमें निकले पीले रंग के हॉपर्स फिलहाल मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. उन्हें नष्ट करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.  

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पाकिस्तान से नहीं आईं टिड्डियां

डॉ विरेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार पाकिस्तान से किसी प्रकार की कोई टिड्डियां नहीं आई हैं और ना ही वहां पर किसी प्रकार की टिड्डियों की मौजूदगी की कोई सूचना मिली है. लेकिन फिर भी 10 सेंटरों में 10 टीमों में लगातार टिड्डियों की मौजूदगी के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है. टिड्डियों का सर्वे भी किया जा रहा है. वर्तमान में नहरी इलाकों में लोकल टिड्डियों ने अंड्डे दिए हैं, उसमें से निकले हॉपर्स तेज हवाओं में उड़ कर नहरी क्षेत्र में घुम रहे हैं. हालांकि अभी इनकी संख्या काफी मामूली बताई गई है. वही दूसरी तरफ इन टिड्डियों को लेकर नहरी बेल्ट के किसानो में चिंता फैल गई है. किसान देशी तरीकों से भी इन टिड्डियों को भगाने में लगे हुए हैं. 

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