बिहार में राज्य की नीतीश सरकार भूमि से जुड़े विवादों के निबटान के लिए सर्वे की शुरूआत करने जा रही है. इस ऐलान के बाद से ही भूमि मालिकों और किसानों में इसे लेकर कई प्रकार के डर और संशय जैसी स्थिति है. लोगों के मन में प्रदेश में 20 अगस्त से शुरू होने वाले इस भूमि सर्वे को लेकर तरह-तरह के सवाल हैं. ऐसे में जानिए यह सर्वे कैसे होगा. सर्वे प्रक्रिया में कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स जरूरी होंगे और किन चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है. फॉर्म भरने के लिए क्या करना होगा और सर्वे टीम के सामने कौन से साक्ष्य दिखाने होंगे. इसके अलावा अगर जमीन दादा-परदादा के नाम पर है तो क्या होगा.
जमीन के सर्वे के लिए तय नियमों को पालन करना होगा. इस दौरान आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने होंगे, जो इस तरह हैं.
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भूमि की पावती, रजिस्ट्री, नक्शा और स्व घोषणापत्र के सैंपल डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन डाउनलोड किए जा सकते हैं. वहीं, जिले में लगे कैंप में ऑफलाइन भी ये सारे कार्य किए जा सकते हैं. आवेदन फॉर्म के साथ इन डॉक्यूमेंट्स को संलग्न (अटैच) करना होगा.
जमीन सर्वे को लेकर कई भ्रांतिया फैल रही हैं. इसलिए जान लीजिए कि यह भूमि छीनने की प्रक्रिया नहीं है. इसमें कोई गड़बड़ी भी नहीं होगी, बल्कि जो गड़बड़ी पहले से थी, यह उसे समाप्त करने की प्रक्रिया है. यह सर्वे इसलिए किया जा रहा है, ताकि जिसकी जमीन है, उसे मिल जाए. इस सर्वे का लक्ष्य है कि जमीन सही व्यक्ति के नाम हो जाए, जिससे भूमि विवाद के सारे विवाद भी खत्म हो जाएंगे.
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