कर्नाटक के एक मंत्री का बयान काफी चर्चा में है. इस मंत्री का नाम है शिवानंद पाटिल. पाटिल ने अपने बयान में किसानों का मुद्दा उठाया. इसी बीच किसानों की आत्महत्या का मसला भी उठा जिस पर उनका बयान सामने आया. उनके बयान में यह बात निकल कर सामने आई कि किसान मुआवजे के पैसे के लिए भी आत्महत्या करते हैं. पाटिल ने कहा कि कई बार किसान की आत्महत्या में एफआईआर इसलिए लिखाई जाती है क्योंकि वे किसान (मृतक किसान के परिवार को) मुआवजे के पात्र होंगे. पाटिल के इस बयान पर घमासान छिड़ गया है और विपक्षी दल सफाई मांग रहे हैं.
कर्नाटक के मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा, 'अगर किसान की आत्हत्या का मुद्दा असली है तो हम मुआवजा देने के लिए तैयार हैं. हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां आत्महत्या का कारण अलग होता है लेकिन इसे एक मामले के रूप में दर्ज किया जाता है और मुआवजा दिया जाता है. किसानों की प्रतिष्ठा खराब नहीं होनी चाहिए. इसी इरादे से मैंने वह बयान दिया.' पाटिल की यह सफाई तब आई जब उन्होंने किसानों की आत्महत्या को प्रेम प्रसंग के साथ भी जोड़ा था और कहा था कि कभी-कभी प्रेम में विफल होने और आत्महत्या को भी किसान की खुदकुशी के साथ जोड़ दिया जाता है.
पाटिल के इस बयान के बाद विपक्षी दलों के अलावा किसान संगठनों ने भी विरोध जताया. जब किसान यूनियनों ने मंत्री को आड़े हाथों लिया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि किसानों की प्रतिष्ठा खराब हो. यदि आत्महत्या का कारण वास्तविक है तो मुआवजा दिया जाएगा.
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इस मुद्दे पर कर्नाटक के ही मंत्री शरणबसपा दर्शनापुर ने कहा, मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा है. मुआवजा राशि के लिए कोई आत्महत्या नहीं करेगा क्योंकि कोई जिंदगी वापस नहीं आएगी. हमने गैस की कीमत, चावल, डीजल, अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी है. उसके मद्देनजर कठिनाइयों में हम गरीबों को ताकत देने की गारंटी स्कीम लेकर आए हैं.
इसी के साथ मंत्री शरणबसपा दर्शनापुर ने मिनोई शिवानंद पाटिल के बयान का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए कोई आत्महत्या नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हमने वास्तविकता में कीमतों में वृद्धि देखी है, इसलिए पांच गारंटी लेकर आए हैं.
पाटिल के विरोध में कर्नाटक राज्य रायता संघ के अध्यक्ष केजी संतस्वामी माठा ने कहा कि यह सरकार के अहम को दर्शाता है. माठा ने कहा कि पाटिल को वे याद दिलाना चाहते हैं कि वे भी एक किसान के बेटे हैं और उनके पास गन्ने की फैक्ट्री है.
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किसान नेता ने कहा, आप (मंत्री शिवानंद पाटिल) किसानों के बीच बड़े हुए हैं. फिर आपने ऐसा बयान क्यों दिया है? क्या आपकी मानसिक स्थिति कुछ गड़बड़ है? यदि आपने अब माफी नहीं मांगी तो हम किसान अंत तक विरोध करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आपका इस्तीफा हो. इसी के साथ मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से पाटिल को हटाने की मांग की गई.
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