तमाम चुनौतियों के बीच भारत से मसालों का निर्यात बढ़ा, चीन और अमेरिका हैं सबसे बड़े खरीदार

तमाम चुनौतियों के बीच भारत से मसालों का निर्यात बढ़ा, चीन और अमेरिका हैं सबसे बड़े खरीदार

हाल के महीनों में भारत से मसालों का निर्यात बढ़ा है. इसमें लाल मिर्च और जीरा ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारत के मसालों का सबसे बड़ा खरीदार चीन है, उसके बाद अमेरिका और बांग्लादेश का नाम आता है. वित्त वर्ष 2023 में 31,761 करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात हुआ है जबकि 2022 में यह हिसाब 30,324 करोड़ रुपये का था.

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तमाम चुनौतियों के बीच भारत से मसालों का निर्यात बढ़ा, चीन और अमेरिका हैं सबसे बड़े खरीदारभारत से बढ़ा मसालों का निर्यात

तमाम चुनौतियों के बीच मसालों के निर्यात में अच्छी खबर है. मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीने में मसालों के निर्यात में बंपर उछाल देखा गया है. रुपये के लिहाज से निर्यात में यह उछाल 41 परसेंट तक का है. इसमें मिर्च ने सबसे बड़ी कामयाबी हासिल की है. सरकारी अनुमानों के मुताबिक, मसाले और उससे जुड़े प्रोडक्ट का निर्यात अप्रैल-मई में 6702 करोड़ रुपये का रहा है. ठीक एक साल पहले इसी अवधि में मसालों का निर्यात 4746 करोड़ रुपये का था. रुपये में देखें तो निर्यात में 41 परसेंट और डॉलर में 32 परसेंट की तेजी दर्ज की गई है. 

निर्यात में यह उछाल तब है जब देश में कई तरह की चुनौतियां देखने को मिली हैं. हाल के दिनों में लाल मिर्च और जीरे के दाम में बंपर मजबूती देखी गई. दूसरी ओर, दुनिया के कई देशों में आर्थिक मंदी के चलते भारत के मसाले की मांग कम हो गई थी. इन सभी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए भारतीय मसालों ने मौका मिलते ही अपना दम दिखाया और निर्यात में बड़ी उछाल दर्ज की. नतीजा ये रहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में मसालों के व्यापार में बड़ी तेजी देखी गई है. यह तेजी आगे भी कायम रहने की उम्मीद है.

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कितना बढ़ा निर्यात

वित्त वर्ष 2023 में 31,761 करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात हुआ है जबकि 2022 में यह हिसाब 30,324 करोड़ रुपये का था. अलग-अलग मसालों के निर्यात की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर मिर्च है जिसने 33 फीसद का योगदान दिया है. इसके बाद 13 परसेंट निर्यात के साथ जीरा दूसरे स्थान पर है. हल्दी, करी पाउडर, छोटी इलायची और काली मिर्च का भी निर्यात अच्छा-खासा हुआ है. 

जिन देशों ने भारत से सबसे अधिक मसाले खरीदे हैं, उनमें चीन सबसे ऊपर है. इसके बाद अमेरिका और बांग्लादेश का नाम आता है. चीन को 20 परसेंट, अमेरिका को 14, बांग्लादेश को सात, यूएई को छह, थाइलैंड को पांच, इंडोनेशिया को चार, मलेशिया को चार, यूके को तीन, श्रीलंका को तीन, जर्मनी को दो, नेदरलैंड्स को दो, नेपाल को दो और सऊदी अरब को भी दो परसेंट निर्यात किया गया. इन देशों को कुल 70 परसेंट तक मसालों का निर्यात किया गया है.

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इन मसालों से बढ़ी कमाई

2020-21 के दौरान, मिर्च, अदरक, इलायची (छोटी और बड़ी), धनिया, हल्दी, अजवाइन, जीरा, सौंफ, मेथी, अन्य बीज जैसे अजवाइन के बीज, सरसों, सौंफ, जायफल और जावित्री का निर्यात; अन्य मसालों जैसे हींग, इमली आदि के मूल्य और मात्रा दोनों में 2019-20 की तुलना में तेजी देखी गई. यहां तक कि मसाला तेल और ओलेओरेसिन जैसे प्रोसेस्ड प्रोडक्ट का निर्यात भी मूल्य और मात्रा दोनों के लिहाज से बढ़ा. करी पाउडर/पेस्ट का निर्यात मूल्य के हिसाब से बढ़ा और पुदीना के प्रोडक्ट का निर्यात मात्रा के हिसाब से बढ़ा. भारत ने वित्त वर्ष 2022 में 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात किया. इसमें से 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मुख्य मसाला - सूखी मिर्च, जीरा और हल्दी रही. इसके बाद 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक पुदीना के प्रोडक्ट, मसाला तेल और ओलियोरेसिन का निर्यात हुआ.

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