भारतीय कॉफी दुनियाभर में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली कॉफी मानी जाती है. वही भारत में कॉफी की खेती मुख्यतः भारत के दक्षिणी राज्यों में की जाती है जिनमें कर्नाटक में 54 प्रतिशत, केरल में 19 प्रतिशत और तमिलनाडु में 8 प्रतिशत योगदान शामिल है. इसके अलावा कॉफी की खेती आंध्र प्रदेश एवं ओडिशा (17.2 प्रतिशत) और पूर्वोत्तकर राज्यों (1.8 प्रतिशत) में भी की जाती है. भारत में लगभग 3.66 लाख किसानों द्वारा लगभग 4.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कॉफी की खेती की जाती है. वही साल 2022 में कॉफी निर्यात में 1.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में कॉफी उत्पादन 3,93,400 टन रहने का अनुमान है.
कॉफी बोर्ड के अनुसार, एशिया के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक भारत से कॉफी निर्यात 2022 में 1.66 प्रतिशत बढ़कर 4 लाख टन हो गया है. वही 2021 में 3.93 लाख टन कॉफी निर्यात किया गया था. अगर कीमत की बात करें तो कॉफी निर्यात पिछले वर्ष के 6,984.67 करोड़ रुपये की तुलना में 2022 में 8,762.47 करोड़ रुपये अधिक था.
बता दें कि भारत रोबस्टा और अरेबिका कॉफी के अलावा इंस्टेंट कॉफी का निर्यात करता है. बोर्ड के ताजा आंकड़ों के अनुसार, रोबस्टा कॉफी की शिपमेंट पिछले वर्ष के 2,20,997 टन से मामूली घटकर 2022 में 2,20,974 टन रह गई. इसी तरह, अरेबिका का निर्यात 50,292 टन से 11.43 प्रतिशत गिरकर 44,542 टन रह गया. हालांकि, इंस्टेंट कॉफी का निर्यात 2022 में 16.73 प्रतिशत बढ़कर 35,810 टन हो गया, जो पिछले वर्ष सिर्फ 29,819 टन था.
आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में लगभग 99,513 टन कॉफी का निर्यात किया गया था, जो कि पिछले वर्ष 92,235 टन था. इटली, जर्मनी और रूस भारतीय कॉफी के प्रमुख आयतक देश रहे हैं. वही प्रमुख निर्यात कंपनियां सीसीएल प्रोडक्ट्स इंडिया, टाटा कॉफी, आईटीसी लिमिटेड, ओलम एग्रो, विद्या हर्ब्स और सक्डेन कॉफी इंडिया हैं.
आंकड़ों की मानें तो, फसल वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में कॉफी उत्पादन 3,93,400 टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष 3,42,000 टन का उत्पादन हुआ था.
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