भारत सरकार आयातित दाल और खाद्य तेलों सहित खाद्यान्नों के कंसाइनमेंट क्लीयरेंस में होने वाली देरी पर सख्त हो गई है.भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अधिकारियों को आयातित दाल और खाद्य तेलों के कंसाइनमेंट क्लीयरेंस में देरी न करने के निर्देश दिए हैं. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने इस मामले में आदेश जारी करते हुए कहा की कृषि मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से खाद्य ग्रेड के दालों और कच्चे तेल सहित खाद्यान्नों की आयातित खेपों की समय पर प्रसंस्करण और निकासी की सुविधा दी जानी चाहिए. इसके लिए सभी प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे खाद्य आयात को सुविधाजनक बनाएं और साथ ही ऐसे सभी आयातित कंसाइनमेंट की बिना किसी देरी के निकासी प्रक्रिया को कार्यान्वित करें.
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की तरफ से कहा गया की अगर आयातित उत्पाद FSSAI के मानकों के अनुरूप हो तो लेबोरेटरी की विश्लेषण रिपोर्ट आने के बाद अधिकारी फाइनल एनओसी जारी कर सकते हैं
इसने अधिकृत अधिकारियों को एक अनंतिम संख्या जारी करने का भी निर्देश दिया हैं. संबंधित अधिकारियों को आयातित माल का दृश्य निरीक्षण करने और इस निरीक्षण से संतुष्ट होने पर नमूने लेकर लेबोरेटरी से विश्लेषण रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना ही प्रोविजनल अनापत्ति प्रमाणपत्र (पी-एनओसी) जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. लेबोरेटरी की विश्लेषण रिपोर्ट आने के बाद अधिकारी फाइनल एनओसी जारी करेंगे. अगर आयातित उत्पाद FSSAI के मानकों के अनुरूप हो
पीएनओसी के लिए आयातकों को इस बात की अंडरटेकिंग जमा करनी होगी कि वे भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI)के नियमों का अनुपालन करेंगे. आयातक इन उत्पादों को तब तक बाजार में रिलीज नहीं पाएंगे तब तक उन्हें फाइनल एनओसी नहीं मिल जाएगी. FSSAIऔर कस्टम अधिकारियों को आयातकों के गोदामों में इन उत्पादों का कभी भी निरीक्षण करने की जांच का अधिकार होगा. जो आयातक नियमों का उल्लंघन करते पाए गए, उन्हें भविष्य में कंसाइनमेंट क्लीयरेंस की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.
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