कटहल के बीज से बनेगी चॉकलेट, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल समेत इन तकनीकों और उत्‍पादों को मिला लाइसेंस

कटहल के बीज से बनेगी चॉकलेट, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल समेत इन तकनीकों और उत्‍पादों को मिला लाइसेंस

बेंगलुरु स्थित ICAR-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIHR) में गुरुवार को दूसरे उद्योग सम्मेलन का आयोजन किया गया. यहां कटहल के बीज से चॉकलेट बनाने की तकनीक व अन्‍य तकनीकों और उत्‍पादों को लाइसेंस दिया गया. साथ ही बागवानी क्षेत्र को लेकर वैज्ञानिकों ने व्‍याख्‍यान दिया.

Advertisement
कटहल के बीज से बनेगी चॉकलेट, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल समेत इन तकनीकों और उत्‍पादों को मिला लाइसेंसकटहल के बीज से चॉकलेट बनाने की टेक्‍नोलॉजी को मि‍ला लाइसेंस. (सांकेतिक तस्‍वीर)

देश में इन दिनों किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई तकनीकों और उत्‍पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है. यही वजह है कि अब एग्रीकल्‍चर और फूड प्रोसेस‍िंग में नए इनोवेशन देखने को मिल रहे हैं. गुरुवार को बेंगलुरु स्थित ICAR-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIHR) ने दूसरा उद्योग सम्मेलन आयोजित किया, जहां कटहल के बीजों से चॉकलेट बनाने की तकनीक, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल और भिंडी और गेंदा की नई किस्में जैसे उत्पादों और तकनीकों को लाइसेंस जारी किया.

IIHR और MAGNET के बीच समझौता

उद्योग सम्मेलन का आयोजन उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को कम के उद्येश्‍य से किया गया, जिसमें में ICAR संस्थानों, NABARD, उद्योग प्रतिनिधियों, ICAR-IIHR के इनक्यूबेट्स, कई वैज्ञानिक, तकनीकी कर्मचारी और छात्र व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा यहां मिर्च और भिंडी जैसी फसलों के लिए स्मार्ट पैकेज बनाने लिए IIHR और पुणे स्थित महाराष्ट्र एग्रीबिजनेस नेटवर्क (MAGNET) सोसाइटी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया गया.

कृषि-बागवानी में उत्‍पादकता बढ़ाने की जरूरत

'बिज़नेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, ICAR-IIHR के निदेशक टी के बेहरा ने तकनीक को बढ़ावा देने और इसे टिकाऊ बनाने के महत्व पर जोर दिया. उन्‍होंने कहा कि कृषि-बागवानी वस्तुओं के उत्पादन में सकारात्‍मक बढ़ोतरी हुई है, लेकिन तब भी उत्पादकता बढ़ाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है. सार्वजनिक-निजी दोनों संगठनों के साझा प्रयासों के माध्यम से देश को पोषण से भरपूर भोजन उपलब्‍ध कराने की जरूरत है. 

उत्‍पादों और तकनीकों की लगी प्रदर्शनी

नई दिल्ली दिल्‍ली स्थित आईसीएआर के बागवानी प्रभाग के एडीजी वी.बी. पटेल ने निजी फर्मों के साथ संयुक्त अनुसंधान और संभावित सहयोग की बात कही और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए ICAR-IIHR की किस्मों, प्रजनन लाइनों और अन्य तकनीकों के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने का आग्रह किया. कार्यक्रम में आईसीएआर संस्थानों और उद्योगों की ओर से बनाए गए उत्पादों और तकनीकों के प्रदर्शन के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी.

देशभर में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं. वहीं, बिहार-यूपी में योजनाओं के माध्‍यम से फल और सब्जियों की बागवनी को प्रोत्‍साहन देने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. वहीं, मध्‍य प्रदेश में भी किसानों को बागवानी मिशन के तहत बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए किसानों को तकनीकी सहयोग, अध‍िकारियों की ओर से खेतों-बागों का दौरा और सब्सिडी जैसी सुवि‍धाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं.

POST A COMMENT