केंद्रीय मंत्री का सुझाव, पेशाब और कटे बालों से बनाएं अमीनो प्रोटीन, फसलों पर छिड़काव कर बढ़ाएं पैदावार

केंद्रीय मंत्री का सुझाव, पेशाब और कटे बालों से बनाएं अमीनो प्रोटीन, फसलों पर छिड़काव कर बढ़ाएं पैदावार

गिरिराज सिंह ने कहा कि बाल और पेशाब की प्रोसेसिंग कर अमीनो प्रोटीन बनाया जा सकता है. इस अमीनो प्रोटीन से फसलों की उपज बढ़ती है. गिरिराज सिंह ने सुझाव में कहा कि सैलून से कटे बालों को इकट्ठा कर अमीनो एसिड बनाने वाली कंपनियों को बेचा जा सकता है.

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केंद्रीय मंत्री का सुझाव, पेशाब और कटे बालों से बनाएं अमीनो प्रोटीन, फसलों पर छिड़काव कर बढ़ाएं पैदावारकेंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (फोटो साभार-India Today/PTI)

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की शुरुआत की. गिरिराज सिंह ग्रामीण विकास मंत्री होने के साथ पंचायती राज मंत्री भी हैं. अभियान की लॉन्चिंग पर गिरिराज सिंह ने एक सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि शहरों में इंसानों के पेशाब को इकट्ठा करने के लिए यूरिन आउटलेट बनाए जाने चाहिए. साथ ही सैलून से निकले कटे बालों को भी एकत्रित करना चाहिए क्योंकि इन दोनों को मिलाकर नाइट्रोजन बनाया जा सकता है. यह नाइट्रोजन फसलों पर स्प्रे के रूप में छिड़का जाए तो फसलों को फायदा होगा.

गिरिराज सिंह ने कहा कि बाल और पेशाब की प्रोसेसिंग कर अमीनो प्रोटीन बनाया जा सकता है. इस अमीनो प्रोटीन से फसलों की उपज बढ़ती है. गिरिराज सिंह ने सुझाव में कहा कि सैलून से कटे बालों को इकट्ठा कर अमीनो एसिड बनाने वाली कंपनियों को बेचा जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पेशाब को टैंक में जमा कर उससे भी अमीनो एसिड बनाया जा सकता है.

क्या कहा गिरिराज सिंह ने

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अमीनो प्रोटीन को अनाज, दाल, तिलहन, कपास, सब्जी, फल और बागवानी फसलों पर स्रे के रूप में छिड़काव किया जा सकता है. शुक्रवार को गिरिराज सिंह ने स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत की. इसके वर्चुअल कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने अपनी बातें रखीं. इस प्रोग्राम में दो अन्य केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे.

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गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्होंने 2018 में इंसानी बालों से अमीनो प्रोटीन बनाने का प्रयोग किया है. उन्होंने कहा, गांवों और शहरों में कई सैलून हैं जहां बड़ी मात्रा में बाल निकलते हैं. इन बालों का डिस्पोजल सही ढंग से नहीं किया जाता और ये बायो डिग्रेडेबल (जो अपने से सड़-गल जाए) भी नहीं होते. यहां तक कि ये बाल नालियों को भी जाम कर देते हैं.

अमीनो प्रोटीन से बढ़ेगी पैदावार

कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने कहा, हमने बालों से अमीनो प्रोटीन बनाने के लिए प्रयोग किया है. सैलून में अलग-अलग बक्सों में बालों को जुटाया जा सकता है और उन बालों को अमीनो एसिड बनाने वाली कंपनियां खरीद सकती हैं. इससे खुले में पेशाब करने की समस्या का भी समाधान होगा क्योंकि पेशाब से भी अमीनो प्रोटीन बनाया जा सकता है. शहरी इलाकों में पेशाब और मूत्रालय बड़ी समस्या साबित होते हैं. 

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गिरिराज सिंह ने कहा, आपको हंसी आएगी, लेकिन यूरिनल्स (पेशाब घर) के लिए एक डिजाइन है जहां टैंक में उसे जमा किया जा सकता है. इस पेशाब को बालों के साथ मिलाकर अमीनो प्रोटीन बनाया जा सकता है. यह तरीका उससे बहुत अच्छा है जिसमें बाल और गाय के मूत्र को मिलाकर अमीनो एसिड बनाया जाता है. गिरिराज सिंह ने कहा कि एक लीटर अमीनो एसिड का दाम 300-500 रुपये लीटर है.

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