21वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट का शुभारंभ

21वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट का शुभारंभ

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में 20 फरवरी को 21वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट 2022-23 प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर काम्बोज मुख्य अतिथि थे.

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21वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट का शुभारंभऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोटर्स एंड गेम्स मीट प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में 20 फरवरी को 21वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट 2022-23 प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बीआर काम्बोज मुख्य अतिथि थे, जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप-महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इस प्रतियोगिता में देशभर से कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शिक्षण संस्थानों की लगभग 65 टीमों के 2464 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. इस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि ने मार्च पास्ट की सलामी ली.

कुलपति प्रो बीआर काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि खेलों में सिर्फ मेडल की संख्याओं को बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य नहीं है बल्कि हमें ऐसा वातावरण बनाना है, जहां खेल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाए. खेल हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को निखारते हैं. खेल और व्यायाम हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण मूल्यों का संचार करते हैं जिनमें अनुशासन, कड़ी मेहनत और बेहतर करने की इच्छा को बढ़ावा देना शामिल है.

खेल प्रतियोगिता में शामिल हो ज्यादा युवा

उन्होंने कहा कि आज का युवा कल का लीडर होगा और समाज को आगे ले जाने का काम करेगा. इसलिए यह हमारा दायित्व बनता है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा खेलकूद प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करें. खेलकूद हमारे जीवन को पूर्ण रूप से बेहतर और अच्छा स्वास्थ्य बनाने में मदद करता है और युवाओं में एक साथ काम करने की इच्छा शक्ति को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह खुशी की बात है कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी बढ़ चढक़र हिस्सा लेते हैं. खेलों से जुड़े रहना स्वस्थ भारत की तरफ एक प्रमुख कदम है. खेलों में भाग लेने से हमारे अंदर टीम भावना आ जाती है जिसके कारण हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है.

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज परेड की सलामी लेते हुए
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज परेड की सलामी लेते हुए

विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देने की योजना बना रहा ICAR

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. आरसी अग्रवाल ने बताया कि खेल और व्यायाम हमारे सामाजिक जीवन में बेहतर अनुभव देते हैं. जिसमें एक साथ काम करना, शिष्टाचार, अच्छे चरित्र का निर्माण और मित्रता करने जैसी भावना विकसित होती है. जो विद्यार्थी खेलों के साथ सुचारू रूप से जुड़े रहते है वे किसी भी बुरी आदतों में नहीं पड़ते और उनकी कार्यशैली और जीवनशैली बेहतर रहती है. खेलों के साथ-साथ मेडिटेशन को सह पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए आईसीएआर विशेष तौर से सभी कृषि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देने की योजना बना रहा है.

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

ट्रेनिंग देने की योजना 

उन्होंने विश्वविद्यालय में उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं की प्रशंसा की और इसमें बढ़-चढक़र भाग लेने की अपील की. एक अच्छे जीवन को जीने के लिए एक सामान्य व्यक्ति को अच्छे शरीर और दिमाग की जरूरत होती है. जिनको खेलकूद परिपूर्ण करने में सक्षम है. शारीरिक मेहनत करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो स्वस्थ हृदय, मधुमेह को रोकने, कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने, खून का सही प्रसार और तनाव को कम करने में मदद करती है. उन्होंने बताया कि खेलकूद हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए शक्ति प्रदान करता है. इसलिए उन्होंने सभी लोगों को अपने व्यस्त जीवन में से हर रोज कम से कम 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करने के लिए प्रेरित किया.

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.सी. अग्रवाल को स्मृति चिन्ह देते हुए
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.सी. अग्रवाल को स्मृति चिन्ह देते हुए


कार्यक्रम की शुरूआत में विश्वविद्यालय छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अतुल ढ़ींगडा ने सभी अधिकारियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया. मंच का संचालन डॉ. सुशील लेगा ने किया.
 

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