रबी सीजन की फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है.अधिकतर जगहों पर सरसों की कटाई हो गई है.वहीं, गेहूं, चने की कटाई मार्च महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी. अभी गेहूं और चना पकाव की ओर है. फरवरी महीने में तेज गर्मी के कारण किसानों के खेतों की नमी खत्म हो गई. इसीलिए इस बार गेहूं में एक-दो सिंचाई की जरूरत अभी भी है.सिंचाई के पानी की जरूरत को देखते हुए हनुमानगढ़ के किसान भाखड़ा नहर से 28 मार्च तक पानी चलाने की मांग कर रहे हैं. किसान भाखड़ा नहर में बंदी के समय को कम करने या नहर बंदी नहीं करने की मांग को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे. किसान संगठनों 10 मार्च को सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर से अपनी मांग को लेकर मिलने वाले हैं.
प्रशासन से मिलने का निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा के बैन तले हुई मीटिंग में लिया गया. इस बैठक में किसान मोर्चा के सदस्य और वितरिका अध्यक्ष मौजूद थे.
इस महीने गेहूं को पूरी तरह पकने के लिए कम से कम दो सिंचाई की जरूरत है. इसीलिए किसान पानी देने की मांग कर रहे हैं. बैठक में मौजूद भाखड़ा किसान संगठन के संयोजक रायसिंह जाखड़ ने कहा कि भाखड़ा में पिछले तीन-चार साल से गर्मी शुरू होते ही पानी की बंदी हो जाती है. इस बार किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलकर मांग की है कि बिजाई के लिए भाखड़ा के किसानों के लिए पानी छोड़ें.
ये भी पढ़ें- राजस्थान: मंडियों में सरसों की आवक हुई शुरू, कीमत MSP से भी कम, जानिए इसके पीछे की वजह
नहर में 28 मार्च तक पानी चलाया जाए ताकि गेहूं को पर्याप्त पानी मिल सके. इसके बाद पूरी तरह क्लोजर आने पर अप्रेल अंत और 15 मई से पहले भाखड़ा को एक या दो पानी और दिया जाए. इससे किसान नरमा की बिजाई कर पाएंगे. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशमसिंह ने मीडिया से कहा कि नहर बंदी को लेकर किसान संशय की स्थिति में हैं. फसल के लिए मार्च महीने में पानी की जरूरत है.
इसी मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के सदस्य सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिल रहे हैं. किसानों का प्रतिनिधि मंडल 10 मार्च को अधिकारियों से मिलकर पानी देने की मांग करेगा.10 मार्च को होने वाली संयुक्त बैठक में भाखड़ा प्रोजेक्ट चेयरमैन, बीके अध्यक्ष, वितरिका चेयरमैन सहित मोर्चा के सदस्य मौजूद रहेंगे. रेशम सिंह ने कहा कि पिछले कई सालों से भाखड़ा में जो बंदी लाने पर अधिकारी अलग-अलग बातें करते हैं.
ये भी पढ़ें- क्या आपने खेती-बाड़ी में काम आने वाली आंकुरी के बारे में सुना है? नहीं तो पढ़िए ये खबर
ये भी पढ़ें-जिस किसान ने उगाया रेगिस्तान में आलू, अब वहां इंटर्नशिप करने आ रहे एग्रीकल्चर स्टूडेंट
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today