किसानों की जमीन पर नहीं लगेगा निर्माण विलंब शुल्क, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दी बड़ी राहत

किसानों की जमीन पर नहीं लगेगा निर्माण विलंब शुल्क, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दी बड़ी राहत

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अपने किसानों को बड़ी राहत दी है. किसानों की जमीन पर अगर कोई निर्माण देरी से होता है, तो अब किसानों को उसका जुर्माना नहीं देना होगा. पहले अथॉरिटी ने जुर्माने का प्रावधान रखा था. हालिया बैठक में अथॉरिटी ने इसे हटा दिया है. किसान इसकी मांग लंबे दिनों से कर रहे थे.

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किसानों की जमीन पर नहीं लगेगा निर्माण विलंब शुल्क, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दी बड़ी राहतग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किसानों को दी बड़ी राहत

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने ग्रेटर नोएडा के किसानों को बड़ी राहत दी है. किसानों को दी गई जमीन पर निर्माण में देरी पर अथॉरिटी अब जुर्माना नहीं लगाएगा. अथॉरिटी के इस फैसले के बाद शहर के किसानों में खुशी है. दरअसल ग्रेटर नोएडा में किसानों को मिलने वाली जमीनों पर निर्माण में देरी होने पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा साल दर साल जुर्माना लगाया जाता था. किसान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से लंबे समय से इस तरह के विलंब शुल्क को बंद करने की मांग कर रहे थे.

अथॉरिटी के खिलाफ किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में यह किसानों की प्रमुख मांगों में से एक था. इसके बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने पिछले बोर्ड बैठक में किसानों को लाभ देते हुए इस प्रस्ताव को पास कर दिया था. अब यह नया नियम अमल में आ गया है. किसान अगर अपनी जमीन पर निर्माण में देरी करते हैं, तो उन्हें ग्रेटर नोएडा को किसी विलंब शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा. पहले इस शुल्क का नियम था जिसमें अब पूरी तरह से ढील दे दी गई है. इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है.

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इन किसानों को अब भी देना होगा जुर्माना

अथॉरिटी कार्यलय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब किसानों की दिए जाने वाले चार परसेंट, पांच परसेंट, छह परसेंट, आठ परसेंट और 10 परसेंट वाले भूखंडों पर निर्माण में देरी पर लगाए जाने वाला विलंब शुल्क नहीं लगेगा. हालांकि जिन पर पहले से शुल्क लगाया गया है, उन्हें न तो वापस किया जाएगा और न ही एडजस्ट किया जाएगा. इसका अर्थ ये हुआ कि किसी भी नए फैसले में विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा बल्कि पुराना कोई शुल्क चस्पा है, तो किसान को उसे भरना होगा. अब किसानों को किसी नए विलंब शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा.

वहीं अगर किसान ने अपनी जमीन बेच दी है तो उस पर निर्माण विलंब शुल्क लगाया जाएगा. आदेश के मुताबिक, ऐसे जमीन पर निर्माण में विलंब पर पहले साल में आवंटन दर का 04 प्रतिशत, दो साल होने पर 06 प्रतिशत और 03 साल होने पर 08 प्रतिशत विलंब शुल्क देना होगा. अगर निर्माण में देरी चार साल की है तो आवंटन दर का 12 प्रतिशत विलंब शुल्क देना होगा. हालांकि अथॉरिटी के इस फैसले के बाद ग्रेटर नोएडा के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा. 

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नियम के मुताबिक, जो किसान प्राधिकरण से मिली आबादी की जमीन पर कोई निर्माण नहीं कर पाए हैं, वे बिना किसी विलंब शुल्क के साथ निर्माण कर सकते हैं. लेकिन इसमें शर्त ये है कि किसान ने परिवार के बाहर किसी को प्लॉट न बेचा हो. परिवार के बाहर वाले प्लॉट क्रेताओं को विलंब शुल्क से राहत नहीं मिलेगी.


 

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