सोनिया गांधी ने लिखा PM Modi को पत्र, संसद सत्र में MSP पर की चर्चा की मांग, उठाए ये नौ मुद्दे

सोनिया गांधी ने लिखा PM Modi को पत्र, संसद सत्र में MSP पर की चर्चा की मांग, उठाए ये नौ मुद्दे

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में सरकार के सामने नौ मांगें उठाई गई हैं जिनमें किसानों का मुद्दा प्रमुख है. सोनिया गांधी ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि आगामी संसद के विशेष सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा की जाए.

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सोनिया गांधी ने लिखा PM Modi को पत्र, संसद सत्र में MSP पर की चर्चा की मांग, उठाए ये नौ मुद्देकांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा है. इस पत्र में कुछ जरूरी मांग उठाई गई है. दरअसल यह पत्र आगामी संसद के विशेष सत्र में उठाए जाने वाले कुछ मुद्दों पर केंद्रित है. इस पत्र में सोनिया गांधी ने मांग की है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा करे. सरकार से देश की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा कराए जाने की मांग की गई है. इसमें महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा भी शामिल है.

केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से संसद के विशेष सत्र बुलाया है जो 22 सितंबर तक चलेगा. इस मौके पर सत्र में विशेष चर्चा के लिए सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और उसमें नौ मुद्दे उठाए हैं. सत्र की शुरुआत संसद की पुरानी बिल्डिंग में होगी लेकिन 19 सितंबर को इसे नई इमारत में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

क्या लिखा सोनिया गांधी ने

पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा है, 'आपने (पीएम मोदी) पांच दिन का संसद का विशेष सत्र बुलाया है जो 18 सितंबर, 2023 को शुरू होगा. यहां एक बात उठाना चाहती हूं कि यह स्पेशल सेशन बिना दूसरी पार्टियों से मशविरा किए बिना बुलाया गया है. हममें से किसी को कुछ पता नहीं है कि चर्चा का एजेंडा क्या है. हमें यह बताया गया है कि सत्र के पांचों दिन सरकारी कामकाज के लिए समर्पित हैं.

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सोनिया गांधी ने लिखा, हम निश्चित तौर पर इस स्पेशल सेशन में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि इससे आम लोगों के महत्व के जरूरी मुद्दे उठाने में मदद मिलेगी. हमें उम्मीद है कि हमें नियम के तहत चर्चा में भाग लेने का मौका दिया जाएगा. इन नौ मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है-

1-मौजूदा आर्थिक स्थिति पर फोकस करते हुए चर्चा जिसमें जरूरी चीजों के बढ़ते दाम, बढ़ती बेरोजगारी, असमानता और देश की एमएसएमई में बढ़ती चिंता आदि.

2-सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर किसानों से जो वादे किए, इसके साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा.

3-अडानी बिजनेस ग्रुप के ट्रांजैक्शन की जांच के लिए जेपीसी का गठन.

4-मणिपुर के लोगों की परेशानी और उस राज्य में संवैधानिक मशीनरी को तोड़ना और सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने के मुद्दे पर चर्चा.

5-अलग-अलग राज्यों जैसे हरियाणा में सांप्रदायिक तनाव.

6-चीन के द्वारा भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा और लद्दाख-अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर संप्रभुता पर खतरा.

8-केंद्र और राज्यों के संबंध में आई गिरावट.

9-कुछ राज्यों में प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ से हुई क्षति.

क्या कहा सरकार ने

सोनिया गांधी के पत्र पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, मैं यह बताना चाहूंगा की हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा करने के लिए तैयार रहती है. वैसे तो आपने (सोनिया गांधी) जिन मुद्दों का उल्लेख किया है, वे सभी मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व मॉनसून सत्र के दौरान उठाए गए थे और सरकार द्वारा उन पर जवाब भी दिया गया था.

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सत्र की कार्यसूची हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर चलाई जाएगी. जोशी ने कहा, मैं यह भी फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आजतक संसद बुलाने के समय कार्यसूची पहले से कभी भी परिचालित नहीं की गई. मुझे पूर्ण विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, मैं आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकें.

संसद का विशेष सत्र

संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर को पुरानी संसद में शुरू होगा और 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन लंच ब्रेक के बाद नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होगी. यानी डेढ़ दिन पुरानी संसद में और साढ़े तीन दिन नए संसद भवन में संसद का विशेष सत्र चलेगा.

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