Bhang Farming: अब हिमाचल में की जाएगी भांग की खेती, सरकार ने बनाया ये प्लान

Bhang Farming: अब हिमाचल में की जाएगी भांग की खेती, सरकार ने बनाया ये प्लान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के उपयोग में संभावित वृद्धि के बारे में सतर्क थी और विधायकों की पांच सदस्यीय समिति बनाई थी. “समिति राज्य में भांग की खेती से संबंधित प्रत्येक पहलू के बारे में गहन अध्ययन करेगी. समिति उन इलाकों का दौरा करेगी जहां भांग की अवैध खेती होती है और एक महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.

Advertisement
Bhang Farming: अब हिमाचल में की जाएगी भांग की खेती, सरकार ने बनाया ये प्लानहिमाचल में शुरू होगी भांग की खेती

साल 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत भारत में भांग की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया गया. भांग का प्रयोग नशीली चीजों में होने लगा. जिसे रोकने के लिए यह फैसला लिया गया था. लेकिन हाल ही में एक खबर आई है जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की तैयारी की जा रही है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार भांग की खेती को वैध बनाने पर विचार कर रही है. हिमाचल सरकार के मुताबिक भांग की खेती राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इसके अलावा, यह रोगियों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसका उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.

भांग की खेती के लिए सभी पहलुओं पर किया जाएगा विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के उपयोग में संभावित वृद्धि के बारे में सतर्क थी और विधायकों की पांच सदस्यीय समिति बनाई थी. “समिति राज्य में भांग की खेती से संबंधित प्रत्येक पहलू के बारे में गहन अध्ययन करेगी. समिति उन इलाकों का दौरा करेगी जहां भांग की अवैध खेती होती है और एक महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगे का कोई फैसला लेगी.

उत्तराखंड भांग की वैध खेती करने वाला पहला राज्य

सुक्खू ने कहा कि कई राज्यों में भांग की खेती को कानूनी दायरे में रखा गया है. “पड़ोसी राज्य उत्तराखंड 2017 में भांग की खेती को वैध बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया. गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में नियंत्रित खेती की जा रही है. इसी तरह, उरुग्वे, कनाडा, यू.एस.ए., ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और चेक गणराज्य जैसे कई देशों में भांग की नियंत्रित खेती की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें: दूध असहयोग आंदोलन से न‍िकला 'अमूल कोऑपरेट‍िव मॉडल', अब कर्नाटक में एंट्री से क‍िसे फायदा...

सभी पहलुओं पर विचार करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेगी और भांग की खेती को वैध बनाने वाले अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए मॉडल का अध्ययन करेगी ताकी आने वाले समय में कोई परेशानी ना हो. कानून के तहत भांग के पौधे की पत्ती और फूलों को निकालने पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है. लेकिन यह कानून औषधीय और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की विधि और सीमा निर्धारित करता है. यानी इन नियमों का पालन करते हुए औषधीय के लिए भांग की खेती की जा सकती है.

इन अधिनियम के तहत राज्य में की जा सकती है भांग की खेती

अधिनियम की धारा 10 (ए) (iii) राज्यों को किसी भी भांग के पौधे की खेती, उत्पादन, कब्जे, परिवहन, खपत, उपयोग, खरीद, बिक्री और भांग की खपत के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देती है. राज्यों को सामान्य या विशेष आदेश द्वारा, केवल फाइबर या बीज प्राप्त करने या बागवानी उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की अनुमति देने का अधिकार है.

POST A COMMENT