बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा देगी जोर

बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा देगी जोर

बिहार सरकार कृषि, विभाग के  प्रधान सचिव ने  डॉ. बी. राजेंद्र, कहा कि बीएआईपीपी के प्रावधानों के तहत पूंजीगत अनुदान प्राप्त करने के लिए शहद, बीज और मक्का प्रसंस्करण के क्षेत्र में आठ परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. बीएआईपीपी राज्य सरकार की एक अग्रणी नीति है, जो बिहार में कृषि-प्रसंस्करण निवेशकों को प्रोत्साहित करती है.

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बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा देगी जोर आलू और मक्का प्रोसेसिंग

बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रहा है. कृषि विभाग की तरफ से कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है., बिहार सरकार कृषि, विभाग के  प्रधान सचिव  डॉ. बी. राजेंद्र ने कहा कि बीएआईपीपी के प्रावधानों के तहत पूंजीगत अनुदान प्राप्त करने के लिए शहद, बीज और मक्का प्रसंस्करण के क्षेत्र में आठ परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा बीएआईपीपी राज्य सरकार की एक अग्रणी नीति है, जो बिहार में कृषि-प्रसंस्करण निवेशकों को प्रोत्साहित करती है, जिसमें किसान-उत्पादक कंपनियां शामिल हैं, और पात्र इकाइयों को बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत लाभ के अलावा परियोजना लागत का 15 प्रतिशत मिलता है.साल  2016. निर्माता कंपनी को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान है.

इनकम और रोजगार के लिए सरकार कई योजनाएं


इन योजनाओं से विभिन्न क्षमताओं में शहद, पोल्ट्री और पशुधन चारा, धान और गेहूं बीज प्रसंस्करण, आलू के चिप्स और मक्का आधारित स्नैक्स का उत्पादन होगा. स्वीकृत परियोजनाओं की कुल परियोजना लागत लगभग 89.515 करोड़ रुपये है और परियोजनाओं को प्राप्त होने वाली कुल अनुदान राशि लगभग 3.64 करोड़ रुपये है. इन योजनाओं की स्थापना से औरंगाबाद, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर और पटना क्षेत्र में करीब 461 लोगों को रोजगार मिलेगा.  उन्होंने कहा कि  सरकार  मखाना, शहद, मक्का, फल और सब्जियां, चाय, औषधीय और सुगंधित पौधों और बीजों के प्रसंस्करण, भंडारण, मूल्यवर्धन और निर्यात का सपोर्ट कर  कर रही  है, ताकि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिल सके. यह कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद कर रहा है


नोडल एजेंसी गतिविधियो पर रखेगी ध्यान

डॉ. बी. राजेंद्र ने कहा कि कृषि विभाग बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत सात फसलों के लिए अनुकूल माहौल बनाकर बिहार में कृषि प्रसंस्करण निवेश को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. राज्य में इस नीति के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए उद्यान निदेशालय नोडल एजेंसी है. बीएआईपीपी को बिहार सरकार द्वारा सितंबर 2020 से विभिन्न फसलों के अधिशेष उत्पादन और प्रसंस्करण की क्षमता बढ़ाने, बर्बादी कम करने, मूल्यवर्धन बढ़ाने और निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है. 280 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 49 परियोजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं. पूर्व में स्वीकृत 10 परियोजनाओं में से 4 परियोजनाओं को 60 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हो चुका है और शेष 6 परियोजनाओं को नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुपालन के बाद जारी किया जाएगा.

 

परियोजना निगरानी समिति की चौथी बैठक

दरअसल, गुरुवार को कृषि विभाग की एक अहम बैठक बुलाई गई थी. बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत परियोजना निगरानी समिति की चौथी बैठक का आयोजन किया गया है. कृषि विभाग के प्रधान सचिव बिहार डॉ बी राजेंद्र की अध्यक्षता में विकास भवन में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति की परियोजना निगरानी समिति की बैठक हुई. इस बैठक में उद्यान निदेशालय के अधिकारियों सहित वित्त विभाग, उद्योग विभाग, नाबार्ड, एपीडा के प्रतिनिधियों और तकनीकी सहायता समूह के सदस्यों ने भाग लिया

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