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मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का प्रकोप, अब तक 47,000 सूअरों की गई जान

मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का प्रकोप, अब तक 47,000 सूअरों की गई जान

लालसाविवुंगा ने कहा कि इस प्रकोप ने 19,017 परिवारों को प्रभावित किया है और 132.2 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. इससे पहले, मंत्री ने विधानसभा को यह भी बताया था कि एएसएफ का प्रकोप अब कमोबेश नियंत्रित हो चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अभी भी राज्य के बाहर से सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है.

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मिजोरम में स्वाइन बुखार का प्रकोप मिजोरम में स्वाइन बुखार का प्रकोप

मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) के प्रकोप के कारण 47,000 से अधिक सूअरों की मौत हो गई है. इससे 2020-2023 की अवधि के दौरान 132.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री सी लालसाविवुंगा ने सोमवार को विधानसभा को बताया. विपक्षी मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के सदस्य रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री ने कहा कि 2020-2023 के दौरान अफ्रीकी स्वाइन बुखार के प्रकोप के कारण कुल 47,269 सूअरों की मौत हो गई और 25,182 अन्य मारे गए.

सूअरों के आयात पर लगा प्रतिबंध

लालसाविवुंगा ने कहा कि इस प्रकोप ने 19,017 परिवारों को प्रभावित किया है और 132.2 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. इससे पहले, मंत्री ने विधानसभा को यह भी बताया था कि एएसएफ का प्रकोप अब कमोबेश नियंत्रित हो चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अभी भी राज्य के बाहर से सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है.

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2021 में सबसे पहले देखा गया था प्रकोप

एएसएफ का प्रकोप सबसे पहले मार्च 2021 में बांग्लादेश सीमा के पास दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई जिले के लुंगसेन गांव में रिपोर्ट किया गया था. अधिकारियों का मानना था कि यह प्रकोप पड़ोसी देश से अवैध रूप से आयातित सूअरों के कारण हुआ था.

बीमारी से 33,400 से अधिक सूअरों की हुई मौत

मिजोरम बांग्लादेश के साथ 318 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. 2021 में एएसएफ बीमारी से 33,400 से अधिक सूअर मारे गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, एएसएफ फरवरी 2022 में और फिर मई और जुलाई 2023 में फिर से उभर आया.

एएसएफ से हुई थी सूअरों की मौत

जुलाई 2022 में, म्यांमार की सीमा से लगे राज्य के पूर्वी हिस्से में चम्फाई जिले के जंगलों में जंगली सूअर के शव पाए गए और बाद के लैब परीक्षणों से पता चला कि उनकी मौत एएसएफ से हुई थी.

मिजोरम 2013, 2016, 2018 और 2020 में पोर्सिन रिप्रोडक्टिव एंड रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (पीआरआरएस) से भी प्रभावित हुआ, जिससे हजारों सूअर और पिल्लों की मौत हो गई, जिससे 10.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.(PTI)