इस साल पिछले साल के मुकाबले गेहूं की पैदावार अच्छी हुई है, इसलिए पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अनाज मंडियों में उपज की आवक में 12 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. दरअसल, अमृतसर जिले में पिछले साल कुल 6,33,366 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हुई थी. हालांकि, इस साल जिले के बाजारों में कुल 7,09,884 मीट्रिक टन गेहूं की फसल की आवक हो चुकी है. यानी अमृतसर जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले, जिला कृषि विभाग ने इस सीजन में गेहूं की पैदावार में सात फीसदी की बढ़ोतरी की सूचना दी थी. लेकिन सटीक आकलन कटाई खत्म होने के बाद ही किया जाएगा, खासकर तब जब खेतों से ताजा उपज अभी भी अनाज मंडियों में लाई जा रही हो.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को भी जिला मंडी बोर्ड ने 5051 मीट्रिक टन गेहूं की फसल की आवक की सूचना दी. मंडियों में अब तक आ चुकी कुल फसल में से 7,09,800 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. जहां सरकारी एजेंसियों ने कुल 6.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, वहीं निजी खरीदारों ने लगभग 41,000 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है.
चूंकि इस वर्ष गेहूं की उपज में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए खरीद में निजी खरीदारों की हिस्सेदारी में काफी कमी आई है. पिछले वर्ष की 1.16 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की तुलना में, निजी खरीदारों ने केवल 41,000 मीट्रिक टन फसल खरीदी है. जिला कृषि अधिकारियों ने कहा कि गेहूं की कटाई लगभग खत्म हो चुकी है.
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उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने फसल काट ली थी, लेकिन इसे बाजार में नहीं ला सके. उन्होंने कहा कि ये किसान वर्तमान में अपनी उपज बाजारों में ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि गेहूं की पैदावार में बढ़ोतरी का सही आकलन खेतों से नई फसल की आवक बंद होने के बाद ही किया जा सकता है.
इस बीच, अनाज मंडियों से खरीदे गए गेहूं की उठान अभी भी निराशाजनक गति से चल रही है, क्योंकि 63 प्रतिशत उपज अभी भी मंडियों में पड़ी है. अब तक कुल खरीदे गए गेहूं में से केवल 2.64 लाख मीट्रिक टन ही मंडियों से उठाया गया है.
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