मानसून की बेरुखी और अल नीनो के बढ़ते प्रकोप के बीच किसानों को अपनी फसल बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. बिहार में अगस्त के महीने में अच्छी बारिश के बीच भले ही किसानों ने अपनी धान की रोपनी पूरी कर ली हो. लेकिन सितंबर के महीने में मौसम विभाग की अच्छी बारिश नहीं होने की भविष्यवाणी का सीधा असर खेतों में दिखना शुरू हो गया है. राज्य का धान का कोटोरा वाला जिला हो या कम धान उत्पादन वाला जिला सभी जगहों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कैमूर जिले के सियापोखर गांव के किसान देवेंद्र पांडेय कहते हैं कि उनके गांव के पास नहर और नदी दोनों गुजरती है.लेकिन सिंचाई की बेहतर सुविधाओं के अभाव में फसल सूखने लगे है. वही दूसरी ओर चिलचिलाती धूप और उम्स भरी गर्मी के बीच इंसान से लेकर धान की फसल रोग की चपेट में आने लगे हैं.
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