उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इन दिनों संक्रमित चूहो से एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है. स्क्रब टाईफस संक्रमित चूहो से यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा होती है जिनके घरों में साफ सफाई नहीं होती है. खास तौर से मिट्टी वाले घरों रहने वाले लोगों को भी इस तरह की बीमारियां हो रही है. इस बीमारी का बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करने के चार से पांच दिन बाद लक्षण विकसित होने लगते हैं यदि इसका उपचार न किया जाए तो संक्रमण घातक हो सकता है . इस बीमारी के चलते बीमार व्यक्ति का स्वसन तंत्र ,गुर्दा और मस्तिष्क प्रभावित होता है. वाराणसी में इस तरह की बीमारी के लक्षण मिले हैं. चूहों से फैलने वाली लैप्टोस्पायरोसिस बीमारी से अब तक एक दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार हो चुके है.
लैप्टोस्पायरोसिस बीमारी चूहों के मूत्र से फैलती है. डेंगू की तरह इस बीमारी में बुखार आता है और शरीर के सभी अंगों में दर्द रहता है. इस बीमारी में लक्षण चार से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं. सही इलाज न मिलने पर बुखार 10 से 15 दिन तक रहता है. संक्रमित व्यक्ति को अगर तीन-चार दिनों से बुखार रहता है. इसमें बीमार व्यक्ति को पीलिया या कभी हार्ट फेल होने का भी खतरा रहता है. ऐसे में तुरंत बीमार व्यक्ति की सीआरपी जांच करानी चाहिए. डॉक्टर आलोक भारद्वाज का कहना है कि सीआरपी ज्यादा आए तो समझ लीजिए बैक्टीरिया बुखार है. इसके बाद लैप्टोस्पायरोसिस की जांच कारण इस बीमारी के लक्षण डेंगू और वायरस से मिलते जुलते हैं. इसमें प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट नहीं होती है.
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जीव विज्ञानी प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे का कहना है कि लैप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरिया कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक होती है. इसकी मृत्यु दर कोरोना की चपेट में आने वाले व्यक्ति की मृत्यु दर से अधिक है. इस बीमारी में 3 से 10 फ़ीसदी तक मरीज की जान चली जाती है. उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर का कोई हिस्सा कटा हो और वह चूहे के पेशाब से संपर्क में आ जाए तो इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है. यह बैक्टीरिया 6 महीने तक पानी में जीवित रहता है और इसका संक्रमण जुलाई से अक्टूबर के बीच में सबसे ज्यादा होता है.
* ग्रामीण इलाकों में जिस तालाब में जानवर जाते हैं, वहां नहाने से बचें
* घर में अचानक चूहे बढ़ने लगे तो सावधानी बरतें
* बाहर से लाए गए प्लास्टिक के पैकेट को साफ करके इस्तेमाल करें
* मानसून के दौरान तालाब में नहाने से बचें
* घर के पालतू जानवरों की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दें
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