उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ऐसा चालान देखने को मिला जिसे देख कर सब दंग रह जाएंगे. जी हां, एक टैक्टर ट्राली का चालान 10 लाख 6 हजार रुपये का किया गया जहां टैक्टर का रजिस्ट्रेशन कृषि के रूप में पाया गया. लेकिन ट्रॉली का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था जिसको लेकर ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी करवाई की. दरअसल, ट्रैक्टर का काम कृषि कार्य में होता है. तभी इसका रजिस्ट्रेशन कृषि कार्यों के लिए कराया जाता है. उसी हिसाब से सरकार टैक्स भी वसूलती है. लेकिन अगर नियमों की अनदेखी की जाए तो भारी जुर्माना चुकाना पड़ता है. ऐसा ही मामला औरैया से सामने आया है.
यह पूरा मामला है औरैया के नेशनल हाइवे का है जहां पर आरटीओ औरैया सुदेश तिवारी किसी सरकारी काम से निकल रहे थे. तभी उनकी नजर एक टैक्टर पर पड़ी जिसमें ट्रॉली लगी हुई थी. आरटीओ द्वारा टैक्टर को रुकवाकर उसके कागजात मांगे गए. ट्रैक्टर के कागजात राजस्थान के थे. ट्रैक्टर कृषि कार्य में रजिस्टर्ड था लेकिन ट्रॉली का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था. जब इसकी जांच की गई तो ट्रॉली के पहिए के पीछे रेल के पहिए लगे थे. इस ट्रॉली का वजन और उसकी बनावट काफी बड़ी थी. तभी आरटीओ औरैया ने ट्रॉली के लिमिट से अधिक बड़ी होने पर 10 लाख 6 हजार का चालान काटा. इस तरह की ट्रॉली रोड के लिए काफी घातक होती है. यह ट्रॉली रेलवे ठेकेदार की थी और यह ट्रॉली रेलवे ठेकेदार के यहां 85 हजार रुपये प्रति माह के किराये पर पांच साल से लगी हुई है. इसका वजन 12 चक्का ट्रक के बराबर है.
आरटीओ सुदेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 22 जनवरी को दोपहर तकरीबन 3:30 बजे वे एक शासकीय काम से NH-19 पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरफ जा रहे थे. औरैया से पहले उन्होंने एक ट्रैक्टर ट्रॉली को देखा और इतना बड़ा साइज देखकर उन्हें संदेह हुआ. उन्होंने उसको रुकवाया. राजस्थान नंबर का यह ट्रैक्टर है और ट्रॉली अनरजिस्टर्ड है. यह आरटीओ नागौर में रजिस्टर्ड है. ट्रैक्टर ट्रॉली को देखा तो उसमें दो पहिये बड़े टायर के लगे थे. उसके साथ-साथ इसमें दो रेल के पहिये भी लगे थे. यह खासतौर पर ट्रॉली बनाई गई थी जोकि रेल की पटरियों पर चलती है और गिट्टी को रेल की पटरियों के बीच बिछाती है.
ड्राइवर इसका कोई कागज नहीं दिखा पाया और उसने यह बताया कि 85 हजार रुपये महीने पर रेलवे ठेकेदार ने अपने इस्तेमाल के लिए ली हुई है. पिछले 5 साल से यह काम में लगी हुई है. आरटीओर ने कहा, इसको हमने सीज किया. ट्रॉली के साइज के आधार पर हमने वजन निकाला जो लगभग 33 टन निकला. यह 12 चक्का ट्रक के बराबर होता है. इसी के आधार पर हमने इसका एसेसमेंट किया. आश्चर्य की बात तो यह है राजस्थान में यह ट्रैक्टर रजिस्टर्ड है वो भी कृषि कार्य के लिए. इसमें यह टैक्स फ्री है और पिछले 5 साल से उत्तर प्रदेश में व्यवसाय कर रहा है. कई जनपदों से होकर यहां आया है.
RTO ने कहा, इस तरह के ट्रैक्टर ट्रॉली से दुर्घटना होने का खतरा अधिक रहता है. यह किसी सरकारी मान्यताप्राप्त एजेंसी या मैन्युफैक्चरर के द्वारा नहीं बनाई गई है. यह देशी उद्योग के लिए ऐसे ही बना ली गई है. ऐसे वाहन रोड सेफ्टी के लिए बहुत ही खतरनाक हैं. सड़क पर कोई भी दुर्घटना कर सकते हैं. इसलिए उसको सीज किया गया है. कुल चालान की धनराशि 10 लाख 6 हजार रुपये है. (सूर्य शर्मा की रिपोर्ट)
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