एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 17 नवंबर को मतदान होगा. ऐसे में चुनावी मुकाबले के दोनों प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस के नेता जनता की नजर में खुद को बेहतर साबित करने और विरोधी दल काे जनविरोधी बताने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं. ग्रामीण बहुल आबादी वाले एमपी में किसानों के मुद्दे दोनों दलों की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं. इसके मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सीएम शिवराज, अपने अपने कार्यकाल को गांव, खेत खलिहान और किसान से जुड़े हितों के लिहाज से बेहतर बता रहे हैं. अपनी उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ दोनों नेताओं ने अब किसानों के मामले में एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं. ताजा हमला कमलनाथ ने किया है. उन्होंने शिवराज सरकार के अब तक के कार्यकाल में कई बार किसानों के साथ बदसलूकी होने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं उन्होंने शिवराज को किसानों पर अत्याचार करने का विश्व रिकॉर्ड बनाने तक का आरोप मढ़ दिया.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर किसानों पर गोली चलवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा पूरी तरह से किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का काम शुरू किया था, उसे शिवराज सरकार ने बंद कर दिया. सोशल मीडिया के माध्यम से कमलनाथ ने किसानों के मुद्दों पर शिवराज को जमकर घेरा.
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इतना ही नहीं कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के बाद किसानों के अत्याचार का दौर खत्म होने का भी भरोसा दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों के हित में कुछ क्रांतिकारी फैसले अमल में लाए जाएंगे. उन्होंने कहा, ''किसानों पर शिवराज जी के अत्याचार को समाप्त करने का समय आ गया है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही किसानों को गेहूं का 2600 रुपये प्रति क्विंटल और धान का 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिया जाएगा. इसे बढ़ाकर फिर 3000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जाएगा.''
कमलनाथ ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किसानों से किए गए वादों का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनने पर किसानों के हित में कुछ अहम फैसले किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद बनने वाली कांग्रेस सरकार किसान भाइयों का कर्ज माफ करेगी. किसानों को 5 हॉर्स पावर कनेक्शन पर बिजली मुफ्त दी जाएगी. इतना ही नहीं 10 हॉर्स पावर तक बिजली के बिल में 50 फीसदी छूट दी जाएगी.
कमलनाथ ने कहा कि सिंचाई के लिए किसानों को 12 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी. साथ ही किसानों को सही समय पर समुचित खाद और बीज उपलब्ध कराया जाएगा. किसानों के विरुद्ध दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आएगी, खुशहाली लाएगी.
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साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी कमलनाथ ने कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था. चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार बनने पर इस आशय के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू भी किया गया. किंतु 18 महीने बाद कांग्रेस के विधायकों की फूट के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
इसके बाद बनी भाजपा सरकार के सीएम शिवराज ने कमलनाथ द्वारा लागू की गई किसानों की कर्जमाफी योजना को शिगूफा करार देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने मामूली कर्ज ही माफ किए. उन्होंने कहा कि 27 लाख किसानों के कर्ज को कमलनाथ सरकार ने माफ ही नहीं किया.
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