लगातार 11 महीने से दालों की महंगाई ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा रखी है, जबकि आम उपभोक्ता की जेब हल्की कर रही है. अब पीली मटर की बाजार में आपूर्ति बरकरार रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने ट्रेडर्स पर सख्ती दिखाते हुए सप्ताह में दो बार इन और आउट स्टॉक का खुलासा करने के निर्देश दिए हैं. जबकि, ट्रेडर्स ने कहा है कि सरकार आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी लगा दे, क्योंकि सस्ते आयात ने बाजार में कीमतों को कम कर दिया है और उन्हें नुकसान हो रहा है.
दालों की महंगाई सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. क्योंकि पिछले 11 महीने से दालों की महंगाई दर दोहरे अंक से नीचे नहीं आ रही है. अप्रैल में दालों की महंगाई दर 16.8% दर्ज की गई. इसमें अरहर दाल की महंगाई दर 31.4 फीसदी, चना 14.6 फीसदी और उड़द 14.3 फीसदी दर दर्ज की गई. इसके चलते अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 8.5 फीसदी से बढ़कर 8.7 फीसदी पर पहुंच गई.
बाजार में आपूर्ति प्रभावित न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पीली मटर के आयात पर इंपोर्ट शुल्क हटा रखा है. फिर भी ट्रेडर्स बाजार में पीली मटर की आपूर्ति नहीं बढ़ा रहे हैं और स्टॉक को रोक कर रखा है. रिपोर्ट के अनुसार केंद्र ने ट्रेडर्स पर सख्ती बढ़ाते हुए हर सप्ताह दो बार इन और आउट स्टॉक का खुलासा करने को कहा है. स्टेकहोल्डर्स की ओर से दी जाने स्टॉक जानकारियों के अलावा उन्हें अब सप्ताह में दो बार स्टॉक इन और आउट मात्रा की डिटेल्स देनी होंगी. सरकार बाजार में दाल की आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित करना चाहती है. इसको केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने दाल इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की.
उधर, दाल आयातकों ने केंद्र सरकार से पीली मटर पर आयात शुल्क लगाने का अनुरोध किया है, क्योंकि सस्ते आयात ने घरेलू बाजारों में कीमत को कम कर दिया है और उन्हें नुकसान होने की चिंता सता रही है. इसके चलते आयातक घरेलू बाजारों में भारी मात्रा में पीली मटर की आपूर्ति रोक रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार दाल ट्रेडर्स सरकार को बताया कि वे आयात की गई पीली मटर को बेचने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने इसे मौजूदा घरेलू कीमतों से अधिक पर खरीदा है. पीली मटर आयात की अंतिम तिथि 31 मार्च 2024 थी, जिसकी वजह से ट्रेडर्स ने भारी मात्रा में महंगी कीमत में दाल का आयात किया था.
अब केंद्र सरकार ने चना के कम उत्पादन अनुमानों के चलते पीली मटर के आयात की अंतिम तिथि को 31 मार्च से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2024 कर दिया है. भारत ने कई वर्षों के बाद पीली मटर का आयात खोला है, क्योंकि अनियमित मानसून बारिश के चलते 2023-24 सीजन में पीली मटर और चना की घरेलू फसल कम हो गई है. भारत में चना के विकल्प के रूप में पीली मटर का इस्तेमाल किया जाता है. यह देश में सबसे अधिक खपत होने वाली दाल भी है. व्यापार अनुमानों के अनुसार भारत पहले ही 17 लाख टन पीली मटर का आयात कर चुका है और 31 अक्टूबर तक करीब 3 लाख टन और आयात की उम्मीद है.
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