इस साल विश्व बैंक की खाद्य महंगाई दर में 7 परसेंट तक गिरावट आने की संभावना है. इसके पीछे अनाजों जैसे कि गेहूं और चावल की कीमतों में गिरावट बड़ी वजह है. इन दोनों अनाजों की बाजार में बंपर सप्लाई है जबकि मांग बहुत अच्छी नहीं है. दूसरी ओर, मक्का और एनर्जी फीड स्टॉक के दाम में भी गिरावट देखी जा रही है.
विश्व बैंक ने कहा है कि महंगाई के मोर्चे पर तीन तरफा अच्छी खबर मिल सकती है. इसमें अनाज, खली और अन्य खाद्य पदार्थों की महंगाई में गिरावट आ सकती है. विश्व बैंक के मुताबिक, अनाज के दामों में 11 परसेंट, खली के दाम में 7 परसेंट और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत में 5 फीसद की गिरावट दर्ज की जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल खाद्य पदार्थों के दाम 7 फीसद तक गिर सकते हैं.
2025 में खाने की चीजों के दाम में गिरावट आने की बड़ी वजह चावल के भाव में आई कमी है. वैश्विक स्तर पर चावल के दाम में 29 परसेंट की कमी देखी गई है जो कि अधिक सप्लाई और भारत के निर्यात बैन को खोलने के कारण है. भारत दुनिया में चावल निर्यात में 40 फीसद की हिस्सेदारी रखता है. इसके अलावा दुनिया में चावल के उत्पादन में वृद्धि के अनुमानों के चलते भी इसके भाव में गिरावट आई है. पूरी दुनिया में चावल के उत्पादन में 2 परसेंट तो भारत में 5 परसेंट अधिक उत्पादन हो सकता है. उत्पादन बढ़ने से महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी.
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गेहूं के बारे में विश्व बैंक ने कहा है कि इसका स्टॉक कुछ घट सकता है क्योंकि दुनिया में इसकी सप्लाई पर कुछ दबाव रहेगा. दुनिया में गेहूं की मांग से कुछ ही ज्यादा इसका उत्पादन होने की संभावना है जिससे सप्लाई पर दबाव रहेगा. मक्के दाम में इस साल और अगले साल भी गिरावट रहेगी. यह गिरावट 2 परसेंट तक हो सकती है क्योंकि कच्चे तेल की कीमत भी कम रहेगी. कच्चे तेल की कीमतों से मक्के के रेट का संबंध है क्योंकि इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर इथेनॉल बनाने में होता है.
मक्के के दाम गिरने के पीछे और भी कारण हैं. सोयाबीन और गेहूं की तुलना में मक्के की खेती अधिक हुई है जिससे इस साल उत्पादन भी बंपर होने के आसार हैं. विश्व बैंक ने तेल और खली के दाम में भी 7 फीसद तक गिरावट की संभावना जताई है. इस साल पूरी दुनिया में तेल और खली की सप्लाई अच्छी रहेगी जिससे दाम को कम रखने में मदद मिलेगी. सोयाबीन और सोया खली के दाम में भी गिरावट के पूरे आसार हैं. एक तरफ सोयाबीन के भाव में 17 परसेंट गिरावट आ सकती है तो दूसरी ओर इसके उत्पादन में 6 फीसद की वृद्धि रह सकती है. ये सभी फैक्टर इस साल खाने की चीजों के दाम को कम रखने में मदद करेंगे.
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