गेहूं आयात करने वाला नेपाल अब चीन को एक्‍सपोर्ट करेगा चक्‍की आटा, भारत के बैन का दिखा असर

गेहूं आयात करने वाला नेपाल अब चीन को एक्‍सपोर्ट करेगा चक्‍की आटा, भारत के बैन का दिखा असर

चीन में बड़ी संख्‍या में भारतीय और नेपाली प्रवासी रहते हैं, लेकिन चीन में जो गेहूं पैदा होता है, वो रोटी बनाने लायक नहीं होता. ऐसे में नेपाल इन लोगों को टारगेट करते हुए चक्‍की आटा भेजने की योजना लगभग बना चुका है. बता दें कि नेपाल गेहूं की जरूरत को पूरा करने के लिए इसका आयात करता है, लेकिन अब चक्‍की आटा का न‍िर्यात शुरू करने जा रहा है.

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गेहूं आयात करने वाला नेपाल अब चीन को एक्‍सपोर्ट करेगा चक्‍की आटा, भारत के बैन का दिखा असरचक्‍की आटा

गेहूं के आयात पर निर्भर नेपाल अब जल्‍द ही चीन को चक्‍की आटा (साबुत गेहूं का आटा) निर्यात शुरू करने वाला है. दरअसल, चीन में बड़ी संख्‍या में भारतीय और नेपाली प्रवासी रहते हैं, लेकिन चीन में जो गेहूं पैदा होता है, वो रोटी बनाने लायक नहीं होता. ऐसे में नेपाल इन लोगों को टारगेट करते हुए चक्‍की आटा भेजने की योजना लगभग बना चुका है. बता दें कि नेपाल अब यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया से गेहूं आयात करता है, साल 2022 तक यह गेहूं के लिए भारत पर था, लेकिन भारत सरकार ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, भारत ने जनवरी में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिए 2 लाख टन गेहूं के निर्यात को मंजूरी दी, लेकिन नेपाल के व्यापारियों ने देरी का हवाला दिया और साथ ही मात्रा को भी अपर्याप्त बताया.  नेपाल भारत से जो गेहूं आयात करता है, उस पर 5 प्रतिशत टैरिफ लगाता है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन जैसे देशों के मामले में नेपाल 10 प्रतिशत टैरिफ वसूल रहा है, जिससे उसे फायदा हो रहा है.

कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगा निर्यात

‘बिजनेसलाइन’ की एक रिपोर्ट के मु‍ताबिक, मिलर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चक्‍की आटा के निर्यात को लेकर चीन के साथ बातचीत चल रही है और कुछ हफ्तों में निर्यात शुरू होने की संभावना है. हालांकि, मिलर ने निर्यात की मात्रा और लागत के बारे में जानकारी नहीं दी. मिलर ने कहा कि चीन में उपलब्‍ध गेहूं किस्‍में रोटी के लिए उपयुक्‍त नहीं है. ऐसे में नेपाली मिलें चीन में रहने वाले लोगों को टारगेट करते हुए काम कर रही हैं.

नेपाल ने यूक्रेन से मंगाया गेहूं

चालू वित्त वर्ष की बात करें तो नेपाल ने देश की मांग के अनुरूप फरवरी तक अपनी ज़रूरत का 72.7 प्रतिशत गेहूं यूक्रेन से आयात किया और शेष जरूरत का ऑस्ट्रेलिया से इंपोर्ट किया. 2022 में भारत सरकार की ओर से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले नेपाल में भारत ही सबसे बड़ा गेहूं एक्‍सपोर्टर था और इसकी हिस्‍सेदारी 97.8 प्रतिशत थी, तब भारतीय खाद्य निगम अपने बफर स्टॉक के लिए पर्याप्त सप्‍लाई नहीं जुटा पाया था. 

2023-24 में जापान बना सबसे बड़ा इंपोर्टर

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्‍त वर्ष 2023-24 में जापान कुल 22.5 प्रतिशत शिपमेंट हिस्सेदारी के साथ नेपाल से आटा, सूजी और चक्की आटा मंगाने वाला शीर्ष आयातक देश था. नेपाल थाईलैंड, मलेशिया, यूके और यूएई को भी गेहूं के उत्पाद एक्‍सपोर्ट करता हैं. नेपाल के रोलर आटा मिलिंग उद्योग की क्षमता 1.95 मिलियन टन है, जिसमें 40 मिलें शामिल हैं. नेपाल में हर साल लगभग 21.5 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होता है. 

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