यूपी में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की ओर से बताया गया कि National Apprenticeship Promotion Scheme यानी एनएपीएस एवं विभाग के स्तर पर इंटर्नशिप प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है. इसकी समीक्षा के आधार पर विभाग द्वारा बताया गया कि एनएपीएस के अंतर्गत चल रहे कोर्स में आईटीआई के 884 छात्रों को गन्ना एवं चीनी उत्पादन से जुड़े तकनीकी पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया. इसके अलावा विभागीय इंटर्नशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत इस साल 1169 छात्रों का चयन किया गया है. इस मुहिम के तहत अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये 3 सप्ताह से लेकर 4 माह तक की अवधि के ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाते हैं. इंटर्नशिप में सर्दी और गर्मी की छुट्टी के दौरान कृषि, मार्केटिंग, अकांउटस, लीगल मुद्दे, कम्प्यूटर, शुगर टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और सांख्यिकी आदि विषयों की ट्रेनिंग छात्रों को दी जाती है. विभाग के मुताबिक विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा एवं कौशल से लैस करने के लिए गन्ना आयुक्त कार्यालय, गन्ना शोध परिषद, गन्ना किसान संस्थान, सहकारी गन्ना समिति संघ लि. और राज्य चीनी निगम एवं सहकारी चीनी मिल संघ में इच्छुक प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप व अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है.
विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि इंटर्नशिप की अवधि के लिहाज से यह 3 तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम है. इसमें 21 दिन, 30 दिन एवं 60 दिन की अवधि वाली इंटर्नशिप होती है. वहीं, अप्रेन्टिसशिप 120 दिनों में पूरी कराई जाती है.
इंटर्नशिप के लिए वांछित योग्यता के बारे में उन्होंने बताया कि किसी प्रोफेशनल कोर्स, स्नातक, परास्नातक और शोधरत छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान यह इंटर्नशिप कर सकते हैं. ऐसे छात्र को पिछले सेमेस्टर में कम से कम 55 प्रतिशत अंक मिलना जरूरी है.
डॉ भूसरेड्डी ने बताया कि कृषि, मार्केटिंग, अकाउंट, लीगल मुद्दे, कम्प्यूटर, शुगर टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और सांख्यिकी आदि विषयों में इंटर्नशिप के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु विभाग की वेबसाइट www.upcane.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए वेबसाइट के इंटर्नशिप पेज पर क्लिक करके ऑनलाइन आवेदन करना होता है. उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण भविष्य में रोजगार प्राप्त करने की दशा में मददगार साबित होता है.
डॉ भूसरेड्डी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यालयों एवं औद्योगिक इकाइयों की मांग के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु प्रावधान किये गये हैं. जिसके अन्तर्गत भारत सरकार की NATS योजना से ग्रेजुएट डिप्लोमा इंजीनियरों को अप्रेंटिसशिप कराई जाती है. इसके लिए National Apprenticeship Training Scheme (NATS) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. पंजीकृत विद्यार्थी सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों में अपने विषयों से संबंधित ग्रेजुएट डिप्लोमा इंटर्नशिप एवं अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं.
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डॉ भूसरेड्डी ने बताया कि NATS के अर्न्तगत अभ्यर्थी को मासिक स्टाइपेंड भी मिलता है. इसमें ग्रेजुएट इंजीनियर को 9000 रुपये प्रति माह और डिप्लोमा इंजीनियर को 8000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है. इसमें आधी राशि भारत सरकार द्वारा चीनी मिलों के माध्यम से दी जा रही है. अप्रेन्टिसशिप के इच्छुक विद्यार्थी भारत सरकार की वेबसाइट portal.mhrdnats.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं. सहकारी चीनी मिलों में एनएपीएस के अंतर्गत अब तक आईटीआई के 884 उत्तीर्ण छात्र लाभान्वित हुये हैं.
उन्होंने बताया कि इंटर्नशिप एवं अप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षु का चयन अभ्यर्थियों की उपलब्धता एवं अर्हता के आधार पर किया जाता है. इसलिए विद्यार्थियों को अपनी श्रेणी के अन्तर्गत ही आवेदन करना होता है. अन्यथा स्क्रूटनी के दौरान आवेदन निरस्त हो जाता है.
उक्त इंटर्नशिप प्रोग्राम में प्रशिक्षुओं को शासन एवं उसके अधीनस्थ विभागों एवं कार्यालयों में हो रहे कामों से परिचित कराया जाता है. इस दौरान छात्रों को उनके विषय से संबंधित विभिन्न कार्यों के संबंध में विशेष कौशल, अनुभव एवं टीम भावना से काम करने का अवसर प्रदान करता है.
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