यूपी बोर्ड में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 22 फरवरी से 9 मार्च तक होगी. इसके लिए 55 लाख 25 हज़ार 308 परीक्षार्थियों में रेजिस्ट्रेशन कराया है. इनकी परीक्षा के लिए यूपी में 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. लखनऊ में शिक्षा निदेशालय के मुख्य कंट्रोल रूम बनाया गया है. इससे पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों और strong rooms पर नजर रखी जाएगी, जहां प्रश्न पत्र रखे गए हैं. इस बार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पहली बार कक्ष निरीक्षकों का बार कोड युक्त I-card बनाया गया है तो वहीं परीक्षा की पांच स्तरीय (5 layered) मॉनिटरिंग भी होगी.
यूपी बोर्ड के कंट्रोल रूम से प्रदेश भर के किसी भी केंद्र पर बारीक नजर रखी जा सकती है. कंट्रोल रूम में सभी जिलों के लिए अलग अलग स्टाफ नियुक्त किए गए हैं, जो कम्प्यूटर पर एक-एक गतिविधि को देखेंगे. इसके लिए न सिर्फ हर परीक्षा कक्ष में बल्कि हर strong room में जहां question papers रखे जाने हैं, वहां CCTV कैमरे लगाए गए हैं. लखनऊ में मुख्य कंट्रोल रूम के अलावा हर जिले में भी अलग से कंट्रोल रूम बनाए गए हैं.
इस बार यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार फ़र्ज़ी कक्ष निरीक्षकों को रोकने के लिए bar code युक्त I-card भी जारी किया गया है. पूरे प्रदेश में कक्ष निरीक्षकों की संख्या 2 लाख 99 हज़ार 121 है. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों पर नज़र रखने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने बहुत पहले से तैयारी शुरू कर दी थी.
यूपी के शिक्षा विभाग के साथ यूपी STF भी नकल विहीन परीक्षा कराने में के लिए काम करेगा।जहां बाहर किसी भी गड़बड़ी या संगठित नक़ल गिरोह पर कार्रवाई की जिम्मेदारी यूपी पुलिस की होगी. वहीं, परीक्षा केंद्रों में नक़ल रोकने की ज़िम्मेदारीमाध्यमिक शिक्षा विभाग की होगी. मुख्य कंट्रोल रूम को जिम्मेदारी सम्भालने वाले विवेक नौटियाल ने कंट्रोल रूम की जानकारी दी.
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश परीक्षा कराने वाला दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है. पिछले साल बोर्ड ने नक़लविहीन परीक्षा कराने में सफलता हासिल की थी. 27 साल बाद ये पहला मौक़ा था जब यूपी बोर्ड के किसी पेपर को कैन्सल नहीं करना पड़ा था. इस बार इसलिए बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती है.
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