केंद्रीय कृषि-किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से बुधवार को काठमांडू में मुलाकात की. साथ ही, शिवराज सिंह ने नेपाल और भूटान के कृषि और पशुधन मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी शामिल हुए. इसके अलावा, कृषि पर तीसरी बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर शिवराज सिंह की बिम्सटेक के महासचिव से भी मुलाकात हुई. मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री और नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की पुष्टि की और कृषि के क्षेत्र में भारत-नेपाल सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि नए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का रास्ता खुलेगा. शिवराज सिंह ने चितवन में कृषि-औद्योगिक पार्क और नेपाल में एक उर्वरक संयंत्र (Fertilizer Plant) की स्थापना के माध्यम से नेपाल को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच के मुद्दों पर भी बातचीत की.
नेपाल और भूटान के साथ द्विपक्षीय बैठकों के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया. नेपाल के कृषि और पशुधन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी के साथ काठमांडू में द्विपक्षीय बैठक में मंत्रियों ने कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
भारत और नेपाल की सरकारों के बीच कृषि के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता ज्ञापन 6 दिसंबर 1991 को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन की जगह लेगा. यह समझौता ज्ञापन विशेष रूप से फसल उत्पादकता में सुधार, कटाई के बाद प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और क्षमता निर्माण, बाजार पहुंच, कृषि व्यापार और जलवायु अनुकूल और टिकाऊ कृषि जैसे क्षेत्रों में चल रहे सहयोग को नई गति देगा.
दोनों पक्षों ने नए समझौता ज्ञापन के तहत संयुक्त कृषि कार्य समूह (जेएडब्ल्यूजी) की बैठकें आयोजित करने और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) तथा नेपाल कृषि अनुसंधान परिषद (एनएआरसी) के बीच सहयोग पर चर्चा की. दोनों मंत्रियों ने चितवन में कृषि-औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए भारत के प्रस्ताव की प्रगति की समीक्षा की.
मंत्रियों ने नेपाल में भारत के उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (एचआईसीडीपी) कार्यक्रम के तहत कृषि परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की. दोनों पक्षों ने पशुधन क्षेत्र में सहयोग और दोनों देशों के कृषि शिक्षण संस्थानों के बीच संस्थागत सहयोग पर भी चर्चा की.
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने भूटान के कृषि और पशुधन मंत्री (एमओएएल) ल्योनपो यूंटेन फुंटशो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें मंत्रियों ने कृषि, पशुधन और संबद्ध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. इसमें सिंचाई चैनलों, मेगा फार्मों आदि के विकास जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया. मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग पर जल्द ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बारे में भी चर्चा की. शिवराज सिंह ने भूटान के साथ भारत के संबंधों को आगे बढ़ाने में भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. भूटानी पक्ष ने संसाधन की कमी के जिक्र के साथ भारतीय पक्ष से भूटानी पहलों के लिए अपने वित्त पोषण समर्थन को बढ़ाने का अनुरोध किया.
शिवराज सिंह ने काठमांडू में कृषि पर तीसरी बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के अवसर पर बिम्सटेक के महासचिव इंद्रमणि पांडे से मुलाकात की और कृषि के क्षेत्र में भारत और बिम्सटेक मंच के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की. मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक देश जलवायु परिवर्तन, संसाधनों की कमी और खाद्य सुरक्षा और पोषण से संबंधित मुद्दों जैसी साझा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिसके लिए क्षेत्रीय सहयोग और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने के साथ आवश्यकता अनुसार आदान-प्रदान की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि बिम्सटेक देशों को 2023-2027 की बिम्सटेक कार्ययोजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है, जिसे 2022 में 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में सामूहिक रूप से अपनाया गया था.
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