2006 से पहले देश में बाघों की संख्या चिंताजनक की स्थिति तक पहुंच गई थी. वही अब 16 सालों के भीतर सरकार के प्रयास के बदौलत बाघों की संख्या में 260 फ़ीसदी की वृद्धि हो सकी है. देश में अब बाघों की संख्या 3682 पहुंच गई है जबकि 2006 में देश के भीतर महज 1411 बाघ बचे थे. देश के भीतर सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में मौजूद है इनकी संख्या 785 है. उत्तराखंड में 2006 में बाघों की संख्या 178 थी जो अब 3 गुना बढ़कर 560 पहुंच गई है. वही उत्तर प्रदेश में भी बाघों की संख्या(tigers in up) 16 सालों के भीतर 109 से बढ़कर 205 हो चुकी है. देश के भीतर कुल 53 टाइगर रिजर्व मौजूद है. बाघों की संख्या में वार्षिक वृद्धि दर 6% है.
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या (tigers in up) में सबसे तेजी से वृद्धि हुई है. 16 साल पहले उत्तराखंड में केवल 178 बाघ ही बचे थे जो अब बढ़कर 560 हो गए हैं. उत्तर प्रदेश का भी यही हाल था. यहां पर 2006 में बाघों की संख्या 109 थी जो अब बढ़कर 205 पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के शिवालिक पर्वत, गंगा के मैदानी क्षेत्र में बाघों की आबादी में 16 सालों के भीतर 275% की वृद्धि हुई है जो देश में सबसे ज्यादा है.
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भारत विश्व में सबसे अधिक बाघ वाला देश है. देश के भीतर कुल 53 टाइगर रिजर्व है. वही इनमें सबसे ज्यादा कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 260 है. इसके बाद बांदीपुर में 150 और नागरहोल में 141 बाघ मौजूद है. उत्तर प्रदेश में भी पिछले 4 सालों के भीतर बाघों की संख्या में 18 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में बाघों की संख्या 173 थी जो अब बढ़कर 205 हो गई है. केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 63 बाघ मौजूद है जबकि दुधवा में 135 और रानीपुर टाइगर रिजर्व में चार बाघ है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक सुधीर शर्मा का कहना है यूपी में बाघों की संख्या 205 से भी ज्यादा हो सकती है. दुधवा राष्ट्रीय पार्क और टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल कम होने के बावजूद बाघ की संख्या के आधार पर पूरे देश में चौथे स्थान पर है.
देश के भीतर कुल 53 टाइगर रिजर्व मौजूद है. मिजोरम में स्थित डंपा टाइगर रिजर्व, अरुणाचल प्रदेश का कमलेंग, तेलंगाना का कवल टाइगर रिजर्व , उड़ीसा का सटकोशिया व सहायद्रि टाइगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है. इसके अलावा बंगाल के बक्सा, अरुणाचल प्रदेश के नामदफा ,राजस्थान के रामगढ़ और मुकंदरा, झारखंड के पलामू, छत्तीसगढ़ के सीतानदी व इंद्रावती टाइगर रिजर्व में सिर्फ एक ही बाघ की मौजूदगी मिली है.
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