ये 4 हैं प्रमुख इमारती लकड़ियां, जानें कौन है इस सूची में शामिल

ये 4 हैं प्रमुख इमारती लकड़ियां, जानें कौन है इस सूची में शामिल

भारतीय लोग अपने घरों को सजाने में कोई कमी नहीं रखते न ही उसकी क्वालिटी से कोई समझौता करना चाहते, यहां छोटे- छोटे घरों में भी सजावटी का खास ख्याल रखा जाता है, लोग खिड़की दरवाजों में सजावट के लिए लकड़ियों का उपयोग करते हैं, कुछ लोग घरों में फर्नीचर की सजावट के लिए लाखों खर्च कर देते हैं

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ये 4 हैं प्रमुख इमारती लकड़ियां, जानें कौन है इस सूची में शामिलये हैं प्रमुख इमारती लकडिया, फोटो साभार :Freepik

भारतीय लोग अपने घरों को सजाने में कोई कमी नहीं रखते न ही उसकी क्वालिटी से कोई समझौता करना चाहते हैं. यहां छोटे- छोटे घरों में भी सजावटी का खास ख्याल रखा जाता है. लोग खिड़की दरवाजों में सजावट के लिए लकड़ियों का उपयोग करते हैं. कुछ लोग घरों में फर्नीचर की सजावट के लिए लाखों खर्च कर देते हैं. इसके लिए कुछ खास लकडियां होती हैं, जिसमें कारीगरों की मदद से विशेष आकार और डिजाइनें बनाई जाती हैं. कुछ लोग लकड़ी के खिलौनों को प्रदर्शनी के रूप में सजा कर रखते हैं. आमतौर पर मजबूत और मोटे तने वाले वृक्षों को जो जमीन का उपरी भाग होते हैं. उसका उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है.

आज के इस लेख में हम जानेंगे की वो कौन कौन सी विशेष पेड़ और लकडियां हैं. जो फर्नीचर और घरों की सजावट के लिए लोगों की पहली पसंद हैं. आइये आगे बढ़ते हैं. 

सागौन

घरों में खिड़की दरवाजे और फर्नीचर बनाने के लिए भारतीय घरों में सबसे ज्यादा सागौन को पसंद किया जाता है. यह काफी मजबूत और कीमती लकड़ी होती है. सागौन की विशेषता यह है कि धूप और पानी को यह सहन करती है. इसमें दीमक या अन्य लगने का खतरा कम होता है. इस लकड़ी को कोई भी आकार देने में आसानी होती है और पॉलिश भी आसानी चढ़ जाती है. नाव बनाने के लिए भा सागौन का उपयोग किया जाता है.

शीशम

शीशम के पेड़ का तना मोटा होता है. यह प्रमुख भारतीय इमारती लकड़ियों में से एक है. इसका रंग हल्का बादामी रंग का होता है. यह भारी लकड़ी होती है. यह आसानी से लगभग हर जगह उपलब्ध हो जाती है. कारीगरों का मानना है कि इस लकड़ी में डिजाइन अच्छी तरह से उभर कर आता हैं. लेकिन, इन लकड़ियों में पानी को सहन करने की शक्ति नहीं होती पानी पड़ने पर इसमें कीड़े लग जाते हैं और सड़ने का खतरा रहता है.

बबूल

बबूल का पेड़ आसानी से देखने को मिल जाता है. कई लोग बबूल की पतली टहनियों से दांतून भी करते हैं. इसमें कांटे पाए जाते हैं. लेकिन, फर्नीचर और कच्चे घरों की छप्पर बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. बबूल की लकड़ी सूखने के बाद अधिक सख्त हो जाती है, इसके दरवाजे अधिक मजबूत और आकर्षक होते हैं. 

चंदन

चंदन का पेड़ बहुत प्रसिद्ध है. इसकी लकड़ियों का उपयोग पूजा पाठ के लिए भी किया जाता है. चंदन का पेड़ आसानी से नहीं मिलता. इसलिए यह बहुत ही दुर्लभ और कीमती वृक्ष माना जाता. इमारती लकड़ी के रूप में उपयोग करने के लिए चंदन का पेड़ कम से कम 10- 12 साल पुराना होना चाहिए. खिड़की, दरवाजे खिलौने और सजावटी खिलौने बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

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