स्कूली छात्र खाली पेट अपनी पढ़ाई शुरू न करें, इसलिए तेलंगाना सरकार ने नई योजना शुरू की है. आपको बता दें इस साल ना सिर्फ भरता में बल्कि पूरे विश्व में इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट मनाया जा रहा है. जिसके तहत अलग-अलग जगहों पर मिलेट से जुड़े कई अभियान भी चलाए जा रहे हैं. जिसके तहत यह सुनिश्चित करने के लिए, तेलंगाना सरकार अगले वर्ष से छात्रों को पौष्टिक रागी जावा के साथ नाश्ता उपलब्ध कराने की योजना बना रही है. आपको बता दें अब तक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ दोपहर का खाना दिया जाता था, लेकिन अब तेलंगाना सरकार छात्रों को नाश्ता देने की भी योजना बना रही है.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, सरकारी और स्थानीय निकाय के स्कूलों में गुड़ मिलाकर बनाए गए रागी जावा को छात्रों के डायट मेन्यू में शामिल करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. रागी में उच्च आहार फाइबर होता है, जो शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन और खनिज प्रदान करने के अलावा भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है.
दिन की शुरुआत करने के लिए नाश्ता सबसे महत्वपूर्ण भोजन है. हालांकि, कुछ सरकारी स्कूल के छात्र, जो ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं, अपने माता-पिता के सुबह-सुबह मजदूरी या कृषि कार्य के लिए चले जाने पर अपना नाश्ता नहीं कर के स्कूल जा पाते हैं. कुछ सरकारी स्कूलों ने ट्रस्टों और गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने छात्रों को मुफ्त नाश्ता देने की पहल की है. जबकि राज्य सरकार पहले से ही सभी स्कूल कार्य दिवसों में दोपहर का भोजन प्रदान कर रही है, एक बार नाश्ता के रूप में रागी जावा छात्रों के लिए वरदान साबित होगा. इस बीच सरकार मिड डे मील योजना में बाजरे को शामिल करने की संभावना भी तलाश रही है. सप्ताह में एक या दो बार हाई स्कूल के छात्रों को बाजरा दिए जाने की संभावना है.
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बाजरा लौह लवण से भरपूर होता है इसलिए शरीर में यह खून की कमी को दूर करने में सहायता करता है. वहीं ज्वार शरीर की हड्डियों के लिए अच्छी मात्रा में कैल्शियम, खून के लिए फॉलिक एसिड के अलावा कई अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है. इसी तरह से रागी एकमात्र ऐसा मोटा अनाज है जिसमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर मात्रा में पाई जाती है. जो लोग दूध का सेवन नहीं करते हैं, लेकिन मोटे अनाजों का सेवन करते हैं, उनमें कैल्शियम की कमी नहीं होती. हालांकि, सभी मिलेट्स या मोटे अनाजों में लगभग उतनी ही मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जितना कि गेहूं और चावल में पाया जाता है. यानी 100 ग्राम कोई भी मिलेट्स खाएंगे तो 7-12 ग्राम प्रोटीन हमें मिलता है. लेकिन अंतर ये है कि ये अमीनो एसिड का बना होता है इसकी गुणवत्ता गेहूं और चावल के प्रोटीन से बेहतर होती है.
वर्तमान में, छात्रों को दोपहर के भोजन योजना के तहत बढ़िया चावल, दाल, सांभर, सब्जी करी, फलियां सब्जी करी, और विशेष चावल जैसे सब्जी बिरयानी, बगारा चावल और पुलिहोरा प्रदान किया जा रहा है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों को पर्याप्त प्रोटीन और पोषक तत्व मिलें, राज्य सरकार ने सप्ताह में तीन बार अंडा प्रदान किया है.
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