Rice Export Ban: निर्यात पर बैन से दुनिया में कोहराम, अफ्रीका में 30 फीसद तक बढ़ गए चावल के दाम

Rice Export Ban: निर्यात पर बैन से दुनिया में कोहराम, अफ्रीका में 30 फीसद तक बढ़ गए चावल के दाम

पश्चिम अफ्रीका में लगभग तीन करोड़ लोग रहते हैं जिनमें अधिसंख्य आबादी चावल खाना पसंद करती है. इस देश में भारत से बड़े पैमाने पर चावल की सप्लाई की जाती है. लेकिन भारत ने जब से निर्यात पर बैन लगाया है, तब से सप्लाई बाधित हो गई है. यहां के लोग भारत के चावल के लिए तरस गए हैं.

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Rice Export Ban: निर्यात पर बैन से दुनिया में कोहराम, अफ्रीका में 30 फीसद तक बढ़ गए चावल के दामभारत से चावल एक्सपोर्ट पर बैन से अफ्रीका के कई देशों पर गंभीर असर

भारत ने कुछ महीनों से चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. घरेलू मार्केट में चावल के बढ़ते रेट को देखते हुए भारत सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. लेकिन इस प्रतिबंध का असर दुनिया के कई देशों में व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है. देश के घरेलू मार्केट की जहां तक बात है तो यहां कुछ बढ़ोतरी के साथ चावल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. वहीं दूसरी ओर, विदेशों में यह भाव तेजी से बढ़ रहा है. एक खबर पश्चिम अफ्रीका से आई है जहां चावल के रेट में बहुत तेज वृद्धि देखी गई है. पश्चिम अफ्रीका में बड़े पैमाने पर चावल की खपत होती है, लेकिन भारत से निर्यात बंद होने के बाद वहां 25-30 परसेंट तक रेट बढ़ गए हैं.

पश्चिम अफ्रीका में लगभग तीन करोड़ लोग रहते हैं जिनमें अधिसंख्य आबादी चावल खाना पसंद करती है. इस देश में भारत से बड़े पैमाने पर चावल की सप्लाई की जाती है. लेकिन भारत ने जब से निर्यात पर बैन लगाया है, तब से सप्लाई बाधित हो गई है. पश्चिम अफ्रीका वैसे तो कृषि प्रधान देश है जहां कोकोआ, रबर और कॉफी की खेती होती है, लेकिन चावल की उपज बहुत कम है. यहां के सिंचित क्षेत्रों में मात्र छह परसेंट धान की खेती होती है जिससे मांग की पूर्ति नहीं हो पाती. अब भारत से चावल के निर्यात पर बैन लगने से दाम में बड़ा उछाल देखा जा रहा है.

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निर्यात पर बैन का असर

भारत ने 20 जुलाई को सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया. उसके बाद 26 अगस्त को उसना चावल (पारबॉयल्ड राइस) पर 20 परसेंट की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई. भारत के इस कदम के साथ ही दुनिया के उन देशों में कोहराम मच गया जहां भारत से बड़े पैमाने पर सप्लाई जाती है. इसमें अफ्रीका भी एक है. अफ्रीका के खाद्य सुरक्षा में भारत का अहम रोल है क्योंकि भारत इस देश को शुरू से अनाज का निर्यात जारी रखा है.

पश्चिम अफ्रीका की अधिसंख्य आबादी भारत का उसना चावल पसंद करती है. ऐसे में निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद यहां के लोग भारत से जल्द बैन हटाने की मांग कर रहे हैं. पश्चिम अफ्रीका में पहले 25 किलो के उसना चावल का बैग 14000 फ्रैंक्स में मिलता था, लेकिन भारत से एक्सपोर्ट पर बैन लगने के बाद इसका दाम 19,000 फ्रैंक्स हो गया है. 

कई देशों में कोहराम

पश्चिम अफ्रीका के अबीजान के एक निवासी ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, हम लोग दिन भर में तीन बार चावल खाते हैं, लेकिन इसे उगाते नहीं हैं. यहां उगाने से सस्ता भारत से चावल आयात करना होता है. हालांकि भारत के निर्यात का विकल्प चीन, थाइलैंड और वियतनाम के चावल हो सकते हैं, लेकिन भारत के चावल के टेस्ट की बात ही कुछ और है. ऐसी स्थिति केवल पश्चिम अफ्रीका की नहीं है बल्कि और भी कई देश हैं. उप सहारा अफ्रीका में बेनिन, सेनेगल और कोट दी आइवरी में भारत का चावल बड़े पैमाने पर खाया जाता है.

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