खाद्य तेलों की मन मुताबिक पैकेजिंग पर सवाल, IVPA ने उपभोक्‍ताओं के हित में उठाई आवाज

खाद्य तेलों की मन मुताबिक पैकेजिंग पर सवाल, IVPA ने उपभोक्‍ताओं के हित में उठाई आवाज

इंडियन वैजीटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA) ने बुधवार को सरकार से खाद्य तेलों के लिए मानकीकृत पैक साइज़ यानी 200 ML, 500 ML, 1 Litre को फिर से लागू करने की मांग की है. IVPA ने कहा है कि इससे बाजार में पारदर्शिता आएगी. यह बाजार में फिर से सामान्य स्थिति बनाने और उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

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खाद्य तेलों की मन मुताबिक पैकेजिंग पर सवाल, IVPA ने उपभोक्‍ताओं के हित में उठाई आवाजखाद्य तेल पैकेजिंग (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

देश में खाद्य तेल उद्योग के लिए पैकेजिंग नई चुनौती बन गई है, क्‍योंकि नीति में छूअ के चलते बाजार में विभ‍िन्‍न पैकेजिंग साइज में तेल मिल रहा है. इससे उपभोक्‍ताओं के अध‍िकारों का भी हनन हो रहा है. इस बीच भारत में खाद्य तेल रिफाइनिंग उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च संस्था इंडियन वैजीटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA) ने बुधवार को सरकार से खाद्य तेलों के लिए मानकीकृत पैक साइज यानी 200 ग्राम, 500 ग्राम, 1 किलोग्राम को फिर से लागू करने की मांग की है. IVPA ने कहा है कि इससे बाजार में पारदर्शिता आएगी. यह बाजार में फिर से सामान्य स्थिति बनाने और उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

अभी अपने हिसाब से पैकि‍ंग कर रहे प्रोड्यूसर्स

मालूम हो कि अभी बाजार में कई ब्रांड 800 मिली लीटर, 810 मिली तो कोई 850 मिली लीटर इस प्रकार से खाद्य तेल बेच रहे हैं. हर पैक पर कीमतें भी अलग होती है, ऐसी स्थित‍ि में उपभोक्‍ताओं को तेल का वास्तव‍िक भाव समझने में दिक्‍कत आती है और वे अपना फायदा-नुकसान तय नहीं कर पाते. हाल ही में सॉल्‍वेंट एक्‍सट्रैक्‍टर्स एसोस‍िएशन ने भी बिना मानकों के पालन के खाद्य तेलों की पैकेजि‍ंग पर सवाल उठाए थे.

नियम में बदलाव से मिली छूट

संस्‍था ने कहा कि लीगल मेट्रोलोजी (पैकेज्ड कोमोडिटीज़) संशोधन नियम, 2021 के अनुसा यूनिट सेल प्राइस (USP) की घोषणा को अनिवार्य किया गया था. इसके बाद एक संशोधन के जरिए लीगल मेट्रोलोजी (पैकेज्ड कोमोडिटीज़) नियम, 2022 में अनुसूची 2 को हटा दिया गया, जिसमें कोमोडिटीज़ को विशिष्ट मात्रा में पैक करना अनिवार्य था और इससे बाजार में गैर-मानकीकृत पैकेजिंग को बढ़ावा मिला. इससे प्रोड्यूसर्स को अपनी इच्छानुसार पैकिंग की अनुमति मिल गई. उम्मीद है कि जल्द ही बाजार में स्थिरता आ जाएगी और उपभोक्ताओं में यूनिट सेल प्राइस के बारे में जागरुकता बढ़ेगी और गैर-मानक पैकिंग की समस्या हल हो जाएगी. 

पैकेजिंग पर स्पष्ट-जरूरी जानकारी हो: IVPA

IVPA ने कहा कि उपभोक्ता को कई ऐसे ब्रांड्स और पैक के विकल्प मिलते हैं, जो देखने में तो एक जैसे लगते हैं, लेकिन मात्रा में अलग होते हैं. ऐसी स्थिति‍ में उपभोक्‍ताओं में कीमत को लेकर कंफ्यूजन पैदा होता है. यूनिट सेल प्राइस की मौजूदगी के साथ भी, शुद्ध वजन में बहुत थोड़े अंतर को भी नजरअंदाज किया जाता है, जिससे रोज़मर्रा में इस निर्णय की प्रभावित रूप से कम हो जाती है.

IVPA ने कहा कि खाद्य तेल हर घर की जरूरत है और पैकेजिंग पर स्पष्ट और जरूरी जानकारी होनी चाहिए. मानकीकृत पैकेजिंग सुनिश्चित करती है कि कीमतों की तुलना सरल, पारदर्शी और निष्पक्ष हो. यह उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों के लिए एक समान अवसर उत्पन्न करता है और भरोसे के साथ ब्रांड के दीर्घकालिक मूल्य को बढ़ावा देता है. 

आईवीपीए का आग्रह है कि मानक पैक साइज़ (5 किलो, 2 किलो, 1 किलो, 500 ग्राम, 200 ग्राम और कोई कम साइज़ का पैक) को फिर से लागू करना उपभोक्ता के हित में मजबूत कदम होगा. यह पारदर्शिता, कारोबार की निष्पक्ष प्रथाओं और उपभोक्ता सशक्तीकरण के सरकार के लक्ष्यों के अनुरूप है.

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