आलू की महंगाई ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है, जबकि प्याज समेत अन्य सब्जियों की ऊंची कीमतों ने कमर तोड़ रखी है. कई सप्ताह के इंतजार के बाद अब उम्मीद जगी है कि आलू की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी. क्योंकि, पश्चिम बंगाल में आलू कारोबारियों की हड़ताल खत्म होने के एक दिन बाद ही कोल्ड स्टोरेज से आलू की आपूर्ति किए जाने से बाजार में आलू की उपलब्धता में 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं, उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज से भी आलू बाजार में भेजना शुरू किया जा रहा है.
आलू उपज के दौरान जनवरी-फरवरी में बेमौसम बारिश से फसल उत्पादन प्रभावित हुआ, जिसके चलते बीते कई सप्ताह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के बाजारों में कीमतें उच्च स्तर पहुंच गई हैं. बीते कुछ सप्ताह से बारिश और बाढ़ के चलते बाजारों में आलू की आपूर्ति बाधित रही है. इस वजह से खपत के अनुरूप सप्लाई नहीं मिलने के चलते कीमतें ऊपर चढ़ी हुई हैं. 29 जुलाई को देश के कई बाजारों में आलू की मॉडल थोक कीमत 3000 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई है. जबकि, दक्षिण भारत के मदुरई, तिरुवेल्लोर समेत दूसरे बाजारों में थोक कीमत 5000 रुपये के आसपास चल रही है.
मंडियों में थोक कीमतें ऊंची रहने से खुले बाजार में आलू की खुदरा कीमतें भी ऊंची बनी हुई हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल में कुछ दिनों से जारी आलू कारोबारियों की हड़ताल खत्म होने के एक दिन बाद ही कोल्ड स्टोरेज से आलू की खेप थोक मंडियों में भेजनी शुरू की गई है. एक दिन बाद ही मंडियों में पहुंचने वाली आलू में 35 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है.
प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ की ओर से कहा गया कि बीते दिन से 50 किलोग्राम के लगभग 8 लाख पैकेट भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि जबकि हर रोजाना औसतन 6 लाख पैकेट ही भेजे जाते हैं. संघ की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार को पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी. हालांकि, व्यापारी अभी अन्य राज्यों को आलू निर्यात करने से परहेज करेंगे, क्योंकि राज्य सरकार ने पहले स्थानीय कमी को दूर करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में उम्मीद जताई गई है कि 2-3 हफ्ते में दूसरे राज्यों को भी आलू खेप भेजनी शुरू हो जाएगी.
आलू की ऊंची कीमतों को लेकर राज्य सरकार ने जमाखोरी की शिकायतों के बाद कारोबारियों के यहां छापेमारी शुरू कर दी थी, जिसके कारोबारियों में नाराजगी बढ़ी थी. कारोबारियों की हड़ताल के चलते आलू का खुदरा दाम बाजारों में 40 से 45 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी. उधर, उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की खेप दिल्ली समेत अन्य मंडियों में भेजनी शुरू की गई है. ऐसे में उम्मीद जताई गई है कि अगर मौसम की वजह से आपूर्ति बाधित नहीं हुई तो कुछ हफ्तों में ही आलू की कीमतें नीचे आ जाएंगी.
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