मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों का वित्तीय संकट दूर करने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये देने का टारगेट रखा है. यह राशि किसानों को फसल ऋण के रूप में दी जाएगी. राज्य सरकार इस राशि को पाने वाले किसानों से ब्याज दर नहीं लेगी. आंकड़ों के अनुसार राज्य के 32 लाख किसानों को शून्य ब्याज दर पर राशि जारी की गई है. जबकि, अन्य जरूरतमंद किसानों को भी कृषि कार्यों के लिए यह राशि दी जाएगी. इसके अलावा राज्य के 80 लाख से अधिक किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत वित्तीय सहायता भी दी जा रही है.
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री अदल सिंह कंसाना ने कहा कि अन्नदाताओं की मेहनत से ही समाज मजबूत हो रहा है और विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि फसल ऋण वितरण के लिये 23 हजार करोड़ रूपये का टारगेट रखा गया है. यह राशि किसानों को कृषि कार्यों के लिए दी जाएगी. उन्होंने कहा कि फसल ऋण वितरण के तहत 32 लाख से अधिक किसानों को शून्य फीसदी ब्याज पर यह राशि उपलब्ध कराई जा रही है.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा और उनके आर्थिक सशक्तिकरण से आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की उपज क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिये आधुनिक तकनीकी साधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार प्रयास कर रही है कि कृषि को लाभदायक बनाने के लिये हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाए. इसके लिये विभिन्न प्रकार की योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है और किसानों की वित्तीय जरूरत को परा किया जा रहा है.
इसके अलावा प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों के खाते में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि भेजी जा रही है.
किसानों का वित्तीय संकट दूर करने के लिए राज्य सरकार किसान क्रेडिट कार्ड योजना भी संचालित कर रही है. योजना के तहत पात्र किसान 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. इस रकम पर 7 फीसदी ब्याज दर देना होता है. लेकिन, किसान समय पर लोन भरते हैं तो उन्हें सरकार की ओर से 3 फीसदी की सब्सिडी का लाभ मिलता है. इस तरह से लोन पर छूट के साथ 4 फीसदी ब्याज दर किसानों को चुकानी होती है.
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