2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित होने के बाद पूरे विश्व में मोटे अनाज को लेकर खूब जागरूकता बढ़ी है. वही अब बाजारों में मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों की डिमांड भी खूब बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश सरकार भी मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है. वही मोटे अनाज को लेकर मिलेट्स मेले के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता भी फैलाई जा रही है. लखनऊ में आयोजित 'ईट राइट मिलेट्स' मेले में मोटे अनाज श्रीअन्न से बनी मिठाइयों (millets sweet dish) को लोगों ने खूब सराहा. मेले में अलग-अलग मोटे अनाज की मिठाइयों का प्रदर्शन हुआ. ऐसी मिठाइयां लोगों ने इसके पहले कभी नहीं देखी थी और नहीं चखी थी. लखनऊ के सहायक खाद्य आयुक्त डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मोटे अनाज से बनी मिठाईयां स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि हमारी सेहत के लिए फायदेमंद भी हैं.
मिलेट्स में बाजरा भी शामिल है. उत्तर प्रदेश में बाजरे का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. वही इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट खूब पाया जाता है. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर को गर्माहट प्रदान करता है और शरीर को ऊर्जावान बनाता है. बाजरे में ग्लूटेन नहीं होता है, इसलिए इससे बनने वाली मिठाई स्वाद के साथ-साथ सेहतमंद भी है.
लखनऊ के 'ईट राइट मिलेट्स' मेले में रिट्ज प्रतिष्ठान की तरफ से मोटे अनाज के रूप में बाजरे का लड्डू, कुट्टू का पेड़ा, रागी का लड्डू और ज्वार का पेड़ा लाया गया. मावे से बनी हुई मिठाइयों से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट इन मिठाइयों को लोगों ने खूब सराहा और जमकर खरीदारी की. रिट्ज के ऑपरेशन हेड अभिषेक ने बताया कि उनके प्रतिष्ठान के द्वारा लोगों के बीच में मिलेट्स से बनी हुई इन मिठाइयों के द्वारा स्वाद के साथ-साथ सेहत को दुरुस्त करने का उद्देश्य है. पहली बार इस तरह की मिठाइयों को उनके प्रतिष्ठान के द्वारा बनाया गया है जिसको लोगों ने खूब सराहा है. आगे और भी तरह की मिठाइयों को बनाएंगे. अभी 200 ग्राम की पैकिंग में मिलेट्स की मिठाइयां बनाई गई हैं जिनकी कीमत ₹200 रखी गई है.
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कुट्टू का उपवास के दौरान बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है. इसे भी मोटे अनाज के रूप में जाना जाता है. कुट्टू सेहत की दृष्टि से भी काफी ज्यादा पौष्टिक है. वही ज्वार को भी सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना गया है. दोनों ही पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री हैं और इसमें मिनरल्स भरपूर हैं. लखनऊ के रिट्ज प्रतिष्ठान के द्वारा 'ईट राइट मिलेट्स' मेले में कुट्टू का पेड़ा और ज्वार का पेड़ा प्रदर्शित किया गया जो खाने में काफी ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक है.
इन मिठाइयों को बनाने वाले गौतम यादव बताते हैं कि कुट्टू का पेड़ा नवरात्रि के व्रत के उपलक्ष में बनाया गया था. वही इस में शुद्धता का पूरा ध्यान रखा गया. ग्राहकों ने भी उनकी इस मिठाई को खूब खरीदा और सराहा है. ज्वार के पेड़े को पहली बार बनाया गया. वही इसमें चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया गया है. ये दोनों ही मिठाईयां काफी कम मीठी हैं जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े भी पसंद कर रहे हैं.
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