
'डेटा बोलता है' की पहली कड़ी में आज हम बात करेंगे आम की. आम का सीजन है और बाजारों में इसकी आवक शुरू हो गई है. ऐसे में आपके मन में ये दिलचस्पी जरूर होगी कि मंडी-हाट या बाजारों में दिखते रंग-बिरंगे आम आखिर कहां से आते हैं? मन में ये भी सवाल होगा कि क्या आमों के भी अपने राज्य होते हैं? जैसे राज्यों के नाम से लोगों की पहचान जुड़ी है, क्या आमों की भी वैसी कोई पहचान होती है? अगर ये सवाल आपने मन में हैं तो जान लें कि सबका जवाब हां है. तो आइए डेटा के हिसाब से आम, आम की पहचान और आम की पैदावार की बात कर लेते हैं.
यूं तो दुनिया के कई देशों में आम की पैदावार ली जाती है, लेकिन अपने आम की बात ही कुछ और है. बात आकार की करें या प्रकार की. बात रंग की करें या स्वाद की, यहां तक कि सुगंध की भी. तो आपको एक से बढ़कर एक वैरायटी मिल जाएगी. इतना ही नहीं, अपने आम में पोषक तत्व इतने हैं कि आप हैरत में पड़ जाएंगे. ये बात हम नहीं बल्कि एक्सपर्ट बता चुके हैं. विशेषज्ञों का दावा है कि महज एक आम खा लेने से आपके डायटरी फाइबर का 40 परसेंट हिस्सा मिल जाता है.
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बीमारियों से लड़ने की जहां तक बात है तो आम दिल की बीमारी, कैंसर और कोलेस्ट्रॉल से बचाने में मदद कर सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आम में पोटैशियम, बीटा कैरोटिन और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. आम में जब इतने फायदे हैं तो वैरायटी भी जरूर ही खास होगी. तो आइए इसकी राज्यवार वैरायटी जान लेते हैं.
बात सबसे पहले मालदा आम की. इस आम का नाता पश्चिम बंगाल के मालदा से है, इसीलिए आम का नाम भी मालदा है. महाराष्ट्र के रत्नागिरी, देवगढ़ और रायगढ़ में अलफांसो आम को हापुस कहा जाता है, इसीलिए मार्केट में इसी नाम से यह प्रसिद्ध हो गया है. गुजरात का केसर आम नामचीन है. इसका नाम केसर इसलिए पड़ा क्योंकि इससे केसर जैसी खुशबू आती है. गुजरात के अमरेली और जूनागढ़ में इसकी खेती अधिक होती है.
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कर्नाटक का बादामी आम बहुत फेमस है और इसे कर्नाटक का अलफांसो भी कहा जाता है. इसकी खुशबू बादाम की तरह होती है और कहावतों में इससे बादाम जैसी ताकत मिलने की बात कही जाती है. तोतापुरी आम का रंग तोते की तरह होता है, इसलिए नाम तोतापुरी है. मल्लिका आम की खूबसूरती को देखते हुए इसे मल्लिका नाम दिया गया है.
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि देश में आम की तकरीबन 1,000 वैरायटी हैं. लेकिन अफसोस की बात कि इनमें से व्यावसायिक स्तर पर बहुत कम किस्मों की खेती होती है. ये खेती भी राज्यों के मौसम और क्लाइमेट के हिसाब से होती है. यही वजह है कि कुछ वैरायटी सीजन में पहले तो कुछ देर से आती हैं. उत्तरी या पूर्वी राज्यों के आम बाजार में कुछ पहले तो दक्षिण और पश्चिमी राज्यों के आम देर से आते हैं. ये आमतौर पर आम की कॉमर्शियल वैरायटी होती हैं. आइए लिस्ट में इनका नाम देख लेते हैं.
भारत में आम की खेती 2400 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है और 210000 लाख टन का उत्पादन होता है (सोर्स: एनएचबी 2023-24 पहला अग्रिम अनुमान). प्रमुख आम उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, गुजरात और तेलंगाना हैं.
भारत दुनिया भर में ताजे आमों का एक प्रमुख एक्सपोर्ट भी है. पिछले साल भारत ने दुनिया भर में 22963000 टन ताजे आमों का निर्यात किया है. साल 2022-23 के दौरान 378.49 करोड़ रुपये का आम निर्यात किया गया. जहां तक देशों के नाम हैं तो भारत से यूनाइटेड अरब आमिरात, यूके, यूएसए, कतर और कुवैत को आम निर्यात किया जाता है.
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