महाराष्ट्र सरकार का नए साल में बड़ा तोहफा, 963 किसानों को लौटाई जाएगी उनकी जमीन

महाराष्ट्र सरकार का नए साल में बड़ा तोहफा, 963 किसानों को लौटाई जाएगी उनकी जमीन

महाराष्ट्र सरकार उन किसानों की जमीन लौटाने जा रही है जो सरकारी कब्जे में चली गई थी. दरअसल, जमीन का बकाया नहीं देने पर सैकड़ों किसानों की जमीन सरकारी कब्जे में थी. इस पर महाराष्ट्र कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानों को जमीन लौटाने का फैसला किया गया.

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महाराष्ट्र सरकार का नए साल में बड़ा तोहफा, 963 किसानों को लौटाई जाएगी उनकी जमीनमहाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने नए साल में किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. एक कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि प्रदेश के 963 किसानों को उनकी जमीन वापस की जाएगी. सरकारी बकाया नहीं भरने के कारण उनकी जमीन सरकार के कब्जे में चली गई थी. उस पर कैबिनेट में गुरुवार को फैसला हुआ और इसमें तय हुआ कि इस तरह के केस में 963 किसानों की जमीन का मालिकाना हक उन्हें लौटाया जाएगा. इस बारे में महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष और महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जानकारी दी.

गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 में संशोधन को मंजूरी दी गई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की. इन संशोधनों के साथ, लगभग 4,849 एकड़ बंजर भूमि, जो सरकारी बकाया के लिए कुर्क की गई थी और सरकार के पास जमा थी, मौजूदा बाजार मूल्य का 25 परसेंट भुगतान करने के बाद किसानों को वापस कर दी जाएगी.

फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला

शरद पवार और अजित पवार NCP के मर्जर की खबरों पर चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर परिवार साथ आता है तो अच्छी बात है. उसका हम स्वागत करते हैं. बावनकुले ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल दिल्ली में वीर सावरकर के नाम से कॉलेज की नींव रख रहे हैं. यह महाराष्ट्र के लिए गर्व की बात है. प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद. वीर सावरकर महाराष्ट्र के साथ देश की अस्मिता हैं लेकिन कांग्रेस उनको अपमानित करती आ रही है और उद्धव ठाकरे कुर्सी के चक्कर में चुप्पी साधे हुए हैं.

इस फैसले से छोटे और सीमांत भूमि मालिक किसानों को राहत मिलेगी. इस संबंध में संशोधन विधेयक पेश करने को मंजूरी दी गई. महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 के अनुसार, टैक्स या इसी तरह के बकाया का भुगतान न करने के कारण, ऐसी जमीनों को नीलाम कर दिया जाता है और सरकार के पास परती के रूप में जमा कर दिया जाता है. कानून में ऐसी जमीनों को मूल खातेदारों को वापस करने का प्रावधान है. यदि बकाया राशि और उस पर ब्याज 12 साल के भीतर चुकाया जाता है. हालांकि, 12 साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसी जमीनों को मूल मालिकों को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था.

अब, महाराष्ट्र कैबिनेट ने महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 में प्रावधान को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ऐसी जमीनों को मूल खातेदारों या उनके उत्तराधिकारियों को मौजूदा बाजार मूल्य का 25 परसेंट वसूल कर वापस किया जाएगा. यह विधेयक विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.

महाराष्ट्र के मंत्री ने दी जानकारी

बावनकुले ने नीतीश कुमार को लालू के ऑफ़र और केंद्र सरकार गिरेगी के दावे पर कहा, संजय राउत और लालू प्रसाद यादव जो बोल रहे हैं शायद उन्होंने सपने में बात कही होगी. जब उनके पास रिपोर्टर माइक लेकर गए होंगे. मुंबई बैंक में सरकारी कर्मचारियों के अकाउंट खोलने के फ़ैसले पर उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार ने आज फैसला किया है कि मुंबई बैंक में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भुगतान के लिए अकाउंट खुलेंगे. इसमें गलत बात कुछ नहीं है. उसी बैंक से उनके वेतन का भुगतान होगा, इसमें कौन सी गड़बड़ी होगी. लेकिन विपक्ष को कोई काम नहीं है. ना उनके पास कोई मुद्दा है. इसलिए बात का बतंगड़ बना रहे हैं.

इसी क्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के प्याज किसानों के लिए एक खास बयान दिया. महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक किसानों के प्याज निर्यात पर टैक्स हटाने के मांग पर शिवराज सिंह ने कहा कि उचित मूल्य के लिए हम प्याज खरीदेंगे और किसानों के हित मे आवश्यक फैसले सरकार लेने के लिए तैयार है. फसल बीमा का मुवावजा किसानों को समय पर मिलने के लिए 800 करोड़ के प्रावधान की बात पर उन्होंने कहा कि रिमोट सेंसिंग से क्षति का आकलन होगा और बीमा कंपनी की ओर से समय पर क्षति का भुगतान न करने पर 12 परसेंट ब्याज देना होगा.(मुस्तफा शेख का इनपुट)

 

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