मिजोरम विधानसभा चुनाव के आ रहे नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि मिजोरम में सत्ता परिवर्तन हो गया है. 6 साल पुरानी पार्टी जोरम पीपल्स मूवमेंट मिजोरम की सत्ता पर काबिज होगी. जोरम पीपल्स मूवमेंट (Zoram People’s Movement - ZPM) पार्टी ने 40 में से 27 सीटें जीत ली हैं. इसके साथ ही ZPM ने 21 सीटों के बहुमत आंकड़े को पार कर लिया है. पिछली बार विधानसभा चुनाव में 8 सीटें हासिल करने वाली इस पार्टी ने कमाल कर दिया है.
मिजोरम विधानसभा चुनाव की मतगणना आज 4 दिसंबर को चल रही है. चुनाव आयोग के अनुसार राज्य की 40 सीटों के लिए मिजोरम नेशनल फ्रंट, जोरम पीपल्स मूवमेंट, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी चुनावी मैदान में हैं. ताजा मतगणना आंकड़ों के अनुसार जोरम पीपल्स मूवमेंट पार्टी ने 27 सीटें जीत ली हैं. इसके साथ ही 21 सीटों पर बहुमत आंकड़े को भी पार कर लिया है. वहीं, मिजोरम नेशनल फ्रंट ने 10 सीटें जीती हैं. भाजपा को 2 सीट मिली हैं और कांग्रेस को 1 सीट मिली है.
जोरम पीपल्स मूवमेंट पार्टी ने सरकार बनाने के लिए 21 सीटों के जादुई आंकड़े को पार कर लिया है. अब यह लगभग तय है कि जोरम पीपल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष लालदुहोमा मिजोरम के नए मुख्यमंत्री बनेंगे. उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा है. 2017 में बनी जोरम पीपल्स मूवमेंट इससे पहले 2018 के विधानसभा में उतरी थी और केवल 8 सीटों पर जीत हासिल की थी.
जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के अध्यक्ष लालदुहोमा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं और 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रमुख रह चुके हैं. कांग्रेस से प्रभावित होकर लालदुहोमा ने 1984 में नौकरी से इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी. बाद में वह मिजोरम कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए थे और 1984 में पहली बार सांसद का चुनाव जीता था. 1988 में लालदुहोमा ने कांग्रेस छोड़कर मिजो नेशनल यूनियन का गठन किया. 2017 के मिजोरम विधानसभा चुनाव में लालदुहोमा ने कई संगठनों के साथ मिलकर जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) का गठन किया. 2018 में लालदुहोमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ललथनहवला को सेरचिप सीट पर 410 वोटों से हराया था.
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