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Joint Pain: पालक और त‍िल के पत्तों से दूर हो रहा गठिया दर्द, सीडीआरआई ने बनाई दवाएं

Joint Pain: पालक और त‍िल के पत्तों से दूर हो रहा गठिया दर्द, सीडीआरआई ने बनाई दवाएं

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट की वैज्ञानिकों ने त‍िल के पत्तों और पालक से ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द के इलाज की दवा बनाई है. लंबे रिसर्च के बाद यह दवा से पीड़ित मरीजों के लिए काफी ज्यादा कारगर साबित हो रही है

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पालक से बनी जोड़ो के दर्द की दवा पालक से बनी जोड़ो के दर्द की दवा

पालक और त‍िल पत्तों से लोगों का जोड़ों का दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस दूर हो रहा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरई ) के  वैज्ञानिकों ने ति‍ल  के पौधों और पालक से ऑस्टियोआर्थराइटिस  और जोड़ों के दर्द के इलाज की दवा बनाई है. लंबे रिसर्च के बाद यह दवा ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों के लिए काफी ज्यादा कारगर साबित हो रही है. फिलहाल इस दवा का लाइसेंस गुजरात की फार्मा कंपनी को दिया गया है.

वहीं वैज्ञान‍िकों ने इसी तरह की दूसरी दवाई शीशम के अर्क से बनाई है, जो जोड़ों के फ्रैक्चर के दौरान हड्डियों के जुड़ने के समय को कम करने का काम करती है. यह दवा भी उन मरीजों के लिए काफी ज्यादा सहायक हो रही है, जिनकी उम्र ज्यादा है. बढ़ती उम्र के साथ-साथ फ्रैक्चर में जोड़ों के जुड़ने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में यह दवा उन मरीजों के लिए अच्छा काम कर रही है.

पालक के अर्क से बन रही है गठिया की दवा

सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट की टेक्निकल ऑफिसर डॉ नीलिमा श्रीवास्तव ने बताया कि पालक के अर्क से जोड़ों के दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस की दवा बनाई जा रही है. उन्होंने बताया क‍ि देश में ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पालक के ऊपर शोध कार्य शुरू किए गए. जिसके द्वारा ज्वाइंट फ्रेश नाम से यह दवा बनाई गई. अभी तक इस दवा का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. देश भर से मरीजों के ऊपर इसका क्लीनिकल ट्रायल भी किया गया जो पूरी तरह सफल है.

उन्होंने बताया क‍ि इस दवा के माध्यम से जोड़ों के कार्टिलेज क्षरण की रक्षा करके ओस्टियोआर्थराइटिस रोधी गुण पैदा करती है, जो गठिया के मरीजों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हैं. इस दवा का निर्माण का लाइसेंस अहमदाबाद की फार्मा कंपनी को दिया गया है फिलहाल यह दवा बाजार में joint fresh नाम से उपलब्ध है.

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ति‍ल के पत्तों से बन रही है यह खास दवा

लखनऊ के सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट ति‍ल के पत्तों के अर्क से रि-यूनियन नाम की एक खास तरह की दवा विकसित की है. इस दवा का सबसे ज्यादा उपयोग जोड़ों के फ्रैक्चर के मरीजों के ऊपर किया जा रहा है. इस दवा के उपयोग से बढ़ती उम्र में मरीजों की हड्डियों की जुड़ने की गति धीमी पड़ जाती है. ऐसे में यह दवा उनके लिए रामबाण का काम करती है, जिनकी उम्र ज्यादा है. डॉ नीलिमा श्रीवास्तव बताती हैं क‍ि इस दवा के माध्यम से हड्डियों के जुड़ने की गति बढ़ जाती है. यह दवा भी बाजार में मरीजों के लिए आसानी से उपलब्ध है.