UP में बाढ़ से गांवों को बचाएगा 'जिओ ट्यूब', नदी के बांधों को भी करेगा मजबूत

UP में बाढ़ से गांवों को बचाएगा 'जिओ ट्यूब', नदी के बांधों को भी करेगा मजबूत

घाघरा नदी की त्रासदी से घबराए ग्रामीणों से जब इस मामले पर बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना है कि ये तकनीक काफी बेहतर है. अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी जिंदगी बाढ़ से प्रभावित नहीं होगी. ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश सरकार की पहल को सराहा है. किसानों को कहना है कि बाढ़ से हार साल खेत में बोई गई उनकी फसल बर्बाद हो जाती थी.

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UP में बाढ़ से गांवों को बचाएगा 'जिओ ट्यूब',  नदी के बांधों को भी करेगा मजबूतबाढ़ से जल्द मिलेगी राहत. (सांकेतिक फोटो)

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बारिश के मौसम में बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है. क्योंकि इसकी 4 तहसीलें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आती हैं. इस बार जिले के कई गांव में बाढ़ का कहर जारी है. नेपाल के पहाड़ों से आने वाला पानी मिहिपुरवा तहसील के 10 गांवों को डूबो दिया है. इससे इंसान के साथ-साथ मवेशी भी परेशान हो गए हैं. बाढ़ का आलम यह है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. रास्तों पर भी पानी भर गया है. हालांकि, इन गांवों के लोग बाढ़ से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते हैं. यही वजह है कि गांवों के किसान 8 साल से बाढ़ से सेफ्टी के लिए जिओ ट्यूब की मांग कर रहे थे. हालांकि, इस बार मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन गावों को जिओ ट्यूब मिला है, ताकि बाढ़ की विभीषिका को रोका जा सके.

खास बात यह है कि जिले के सिंचाई विभाग ने पहली बार तटबंधों को बचाने के लिए गुजरात से जिओ ट्यूब मंगवाकर विशेष तकनीक के तहत बांध बनाने में इनका इस्तेमाल किया है. विभाग का मानना है कई सालों से बाढ़ एवं कटान के कहर से अब लोगों को निजात मिल सकेगी. ऐसे बहराइच की 4 तहसीलों के तकरीबन 6 लाख से अधिक की आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होती है. जुलाई और अगस्त महीने में आने वाली भयंकर बाढ़ से जनहानि के साथ किसानों की हज़ारों हेक्टेयर भूमि भी नदी में चली जाती है.

4 करोड़ रुपये हुए खर्च

यही वजह है कि इस बार जिलाधिकारी मोनिका रानी के द्वारा भेजे गए तकनीकी प्रपोजल पर अमल करते हुए शासन के द्वारा कटान को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए गए. इसके तहत गुजरात से तकरीबन 4 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक तरीके से बनाए गए जिओ ट्यूब को लाकर बांधों पर लगाया गया है और ये उम्मीद जताई जा रही है कि इस तकनीक का बाढ़ग्रस्त पीड़ितों को ज्यादा लाभ मिलेगा.

क्या कहते हैं गांव वाले

घाघरा नदी की त्रासदी से घबराए ग्रामीणों से जब इस मामले पर बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना है कि ये तकनीक काफी बेहतर है. अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी जिंदगी बाढ़ से प्रभावित नहीं होगी. ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश सरकार की पहल को सराहा है. किसानों को कहना है कि बाढ़ से हार साल खेत में बोई गई उनकी फसल बर्बाद हो जाती थी. इससे कई गांवों के किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता था.

क्या होता है जिओ ट्यूब

नदी की धार बदलने और मिट्टी का कटाव रोकने में जिओ ट्यूब बहुत ही कारगर होता है. यह बेहतरीन क्वालिटी के फाइबर और धागों से बना होता है. यानी यह एक तरह का वाटरप्रूफ टेक्सटाइल ट्यूब है. इसकी लंबाई 20 मीटर तक होती है, जबिक व्यास 3 मीटर रहता है. इसके अंदर मडपंप से पानी के साथ बालू भरा जाता है. हालांकि, पानी बाद में कपड़े से छनकर बाहर निकल जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि जियो ट्यूब में करीब 143 घन मीटर बालू भरी जाती है. इसका वजन 225 टन तक हो जाता. इसकी उम्र 12 साल है. यानी 12 साल तक यह खराब नहीं हो सकता है.

 

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