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Farmers Protest: किसान आंदोलन से ज्वैलरी कारोबार को झटका, रोजाना 150 करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान 

Farmers Protest: किसान आंदोलन से ज्वैलरी कारोबार को झटका, रोजाना 150 करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान 

किसान आंदोलन के असर से दिल्ली समेत कई राज्यों के सराफा बाजार को झटका लगा है. शादियों के मौसम में ज्वैलरी की बिक्री के लिए दिल्ली आने वाले नजदीकी राज्यों के लोग अब यहां आने से कतरा रहे हैं.  इससे दिल्ली के ज्वैलरी कारोबार में 30 फीसदी से अधिक गिरावट आई है. यहां रोजाना करीब 150 करोड़ रुपये कारोबार का नुकसान हो रहा है.

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किसान आंदोलन से ज्वैलरी कारोबार को झटका. किसान आंदोलन से ज्वैलरी कारोबार को झटका.

किसान आंदोलन के असर से दिल्ली समेत कई राज्यों के सराफा बाजार को जोर का झटका लगा है. शादियों के मौसम में ज्वैलरी की बिक्री के लिए दिल्ली आने वाले नजदीकी राज्यों के लोग अब यहां आने से कतरा रहे हैं.  इससे दिल्ली के ज्वैलरी कारोबार में 30 फीसदी से अधिक गिरावट आई है. यहां रोजाना करीब 150 करोड़ रुपये कारोबार का नुकसान हो रहा है. थोक व्यापारी भी अपने आसपास के दूसरे सराफा बाजारों से खरीदारी करके ग्राहकों की डिमांड पूरी कर रहे हैं.

हर दिन 150 करोड़ रुपये का नुकसान

दिल्ली में करीब 10 हजार ज्वैलरी प्रतिष्ठान हैं और सैकड़ों ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं. राजधानी दिल्ली में ज्वैलरी के हब माने जाने वाले कूचा महाजनी, दरीबा कलां और करोलबाग जैसे सराफा बाजारों में भी कारोबार को चोट पहुंची है. जहां थोक और खुदरा में रोजाना करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. लेकिन, अब किसान आंदोलन से ये कारोबार रोजाना करीब 150 करोड़ रुपये का नुकसान उठाने को मजबूर है. वहीं, दिल्ली में ज्वैलरी कारोबार को करीब 30 से 40 फीसदी का झटका लगा है. 

जम्मू, समेत कई राज्यों का ज्वैलरी कारोबार गिरा  

किसान आंदोलन के असर से दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के ज्वैलरी मार्केट को भारी नुकसान हो रहा है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस नुकसान की वजह है कि दिल्ली के ज्वैलरी बाजारों में पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल समेत दूसरे राज्यों से आने वाले खरीदारों की संख्या घट गई है. दरअसल, इन राज्यों के आने वाले खरीदारों में से 90 फीसदी अपने निजी वाहनों से दिल्ली खरीदारी के लिए आते हैं.

शादियों के पीक सीजन में बाजार को बड़ा झटका  

इस वक्त पर किसान आंदोलन के होने से ज्यादा नुकसान इसलिए भी हो रहा है कि आजकल शादियों का मौसम अपने पीक पर है. इस दौरान ज्वैलरी की सबसे ज्यादा बिक्री होती है. ऐसे में दिल्ली से कनेक्शन पूरी तरह से कट जाने से पंजाब के ज्वैलर्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. बड़े ज्वैलर्स जहां हवाई कुरियर के माध्यम से ज्वैलरी मंगवा रहे हैं. वहीं, सड़क मार्ग के जरिए कारोबार करने वाले 90 फीसदी छोटे ज्वैलर्स सबसे ज्यादा परेशान हैं. 

व्यापारियों को आवागमन में हो रही मुश्किल 

हरियाणा की दिल्ली से ज्यादा नजदीकी होने की वजह से सड़क मार्ग से होने वाला कारोबार कुछ मात्रा में रेल से हो रहा है. जबकि, बाकी खरीदारी के लिए रोहतक, अंबाला जैसे आसपास के बाजारों से ज्वैलरी ली जा रही है. ये बाजार कम वैरायटी और महंगे दाम की वजह से ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. हिमाचल के ज्वैलर्स वैकल्पिक मार्ग यमुना नगर होते हुए दिल्ली पहुंच रहे हैं. लेकिन, यात्रा समय काफी ज्यादा बढ़ने से इनका भी दिल्ली जाना कम हो गया है.

ग्राहक दिल्ली आने से परहेज कर रहे 

व्यापारी वर्ग तो फिर भी जरूरी होने पर किसी तरह दिल्ली आकर ज्वैलरी खरीदने में लगा हुआ है. लेकिन, इन राज्यों के आम ग्राहक तो इन बंद रास्तों के बीच में दिल्ली आने से एकदम परहेज कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली के ज्वैलरी बाजारों में कुल मिलाकर ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे वेडिंग सीजन में डिमांड घटी है और व्यापारियों को आंदोलन के लंबा खिंचने पर भारी नुकसान की आशंका सता रही है. (आजतक ब्यूरो)

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