हॉस्पिटल में एडमिट या डिस्चार्ज क्लेम पर 3 घंटे में इंश्योरेंस कंपनी को देना होगा अप्रूवल, IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस नियम बदले

हॉस्पिटल में एडमिट या डिस्चार्ज क्लेम पर 3 घंटे में इंश्योरेंस कंपनी को देना होगा अप्रूवल, IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस नियम बदले

अस्पताल में इलाज के बाद जब छुट्टी के दौरान आपका डिस्चार्ज अप्रूवल में देरी हो जाती है तो यह तीमारदार की चिंता के साथ ही खर्च भी बढ़ा देता है. इसके अलावा मरीज भर्ती पर अप्रूवल देने में देरी के कई मामले सामने आने के बाद बीमा नियामक ने नियमों में बदलाव कर दिया है और बीमा कंपनियों को इन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं. 

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हॉस्पिटल में एडमिट या डिस्चार्ज क्लेम पर 3 घंटे में इंश्योरेंस कंपनी को देना होगा अप्रूवल, IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस नियम बदलेबीमा नियामक ने हेल्थ इंश्योरेंस नियमों को बदलकर पॉलिसी होल्डर्स को बड़ी राहत दी है.

जरा कल्पना करिए कि अस्पताल में कुछ दिन रहने के बाद दोपहर में डॉक्टर राउंड पर आता है और आपके परिजन को छुट्टी के लिए फिट घोषित करता है. आपके परिवार के लोग अपना सामान समेटने लगते हैं और आप बीमा कंपनी से बिल पास करवाने के लिए इधर-उधर भागते हैं. घड़ी शाम के 7 बजाती है लेकिन आप तब भी अस्पताल में हैं, क्योंकि आपका हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम अप्रूव नहीं हुआ है. जब तक इंश्योरेंस कंपनी बिलों को पास नहीं करता तब तक अस्पताल आपको छुट्टी नहीं देगा. ऐसे में आपको अस्पताल में एक और रात बितानी पड़ सकती है, जिससे आपका बिल बढ़ जाएगा. ऐसी स्थिति आपके लिए कई मायनों में पीड़ादायी हो सकती है. 

बीमा कंपनियों या थर्ड-पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) की ओर से स्वास्थ्य बीमा दावों के निपटारे में देरी अक्सर रोगियों और उनके परिवारों के लिए दुखदायी बन जाते हैं. अकसर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. मार्केट एनालिटिक्स फर्म लोकल सर्किल्स के सर्वे के अनुसार कई मामलों में मरीज के डिस्चार्ज के लिए तैयार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज होने में 10-12 घंटे लग गए, क्योंकि स्वास्थ्य बीमा दावे की प्रक्रिया में देरी हुई. अगर वे ऐसा करने के लिए एक और दिन अस्पताल में रुकते हैं, तो उस अतिरिक्त रात के ठहरने का खर्च उन्हें ही उठाना पड़ता है. 

लेकिन, अब हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम प्रॉसेस में बीमा नियामक IRDAI के नए नियम से ऐसे अनुभव पुरानी बात हो सकते हैं.

IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस संबंधी ये नियम बदले 

  1. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने मास्टर सर्कुलर में कहा है कि किसी पॉलिसी होल्डर को अस्पताल में भर्ती होने के 3 घंटे के भीतर अप्रूवल देना होगा. इसी तरह डिस्चार्ज रिक्वेस्ट पर 1 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को फैसला लेना होगा और 3 घंटे में डिस्चार्ज पर अप्रूवल देना होगा. 
  2. नियामक ने मास्टर सर्कुलर में कहा कि किसी भी स्थिति में पॉलिसीधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने तक इंतजार नहीं करना चाहिए. यदि तीन घंटे से अधिक की देरी होती है तो अस्पताल की ओर से ली जाने वाली अतिरिक्त राशि बीमा कंपनी के स्टेकहोल्डर के फंड से ली जाएगी. 
  3. नियामक ने कहा कि इलाज के दौरान पॉलिसी होल्डर की मृत्यु की स्थिति में बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट रिक्वेस्ट पर तुरंत एक्शन लेगा. इसके साथ ही डेडबॉडी को तुरंत अस्पताल से निकलवाएगा.
  4. IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देशिति किया है कि नियमों को 31 जुलाई 2024 से पहले हर हाल में लागू करें. इसके अलावा पॉलिसी होल्डर या उसके परिजनों की सुविधा के लिए के लिए बीमा कंपनियां हास्पिटल में हेल्प डेस्क (Help Desk) भी बनाएं ताकि कैशलेस पेमेंट प्रक्रिया (Cashless Payment Process) को आसान बनाया जा सके.

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